Wholesale Price Index पर आधारित थोक महंगाई नवंबर में घटकर 21 महीने के निचले स्तर यानी 5.85 फीसदी पर दर्ज की गई। अक्टूबर में थोक महंगाई दर 8.39 फीसदी जबकि सितंबर में यह 10.7 फीसदी पर थी।
देश में थोक महंगाई मार्च 2021 के बाद लगातार दूसरे महीने डबल डिजिट से नीचे आई है। उस समय थोक महंगाई दर 7.89 फीसदी थी।
सरकारी आंकडों के मुताबिक, नवंबर 2022 में थोक महंगाई दर में कमी आने की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, मूल धातुओं, कपड़ा, रसायन एवं रासायनिक उत्पाद, कागज एवं इससे बने उत्पादों के दामों में गिरावट आना है।
नवंबर 2022 से पहले थोक महंगाई दर का निचला स्तर फरवरी 2021 में रहा था जब डब्ल्यूपीआई महंगाई 4.83 फीसदी पर थी।
नवंबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई 1.07 फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने 8.33 फीसदी थी। नवंबर महीने में सब्जियों के दाम घटकर शून्य से नीचे 20.08 फीसदी पर आ गए, जो अक्टूबर में 17.61 फीसदी पर थे। ईंधन और बिजली में महंगाई दर नवंबर में 17.35 फीसदी रही, विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति 3.59 फीसदी पर थी।
इससे पहले सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर महीने में खुदरा महंगाई दर भी 11 महीने के निचले स्तर यानी 5.88 फीसदी पर पर आ गई है जबकि अक्टूबर 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.77 फीसदी रही थी। एक वर्ष पूर्व नवंबर 2021 में खुदरा महंगाई दर 4.91 फीसदी रही थी।
भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति बनाने में मुख्य रूप से खुदरा महंगाई पर गौर करता है।