facebookmetapixel
Jio Financial चेयरमैन कामथ ने जताई खुदरा ऋण बढ़ने की चिंताअमेरिका के राजदूत गोर बोले- भारत में श्रम सुधार से बढ़ेगा व्यापार अवसरम्युचुअल फंड में महिलाओं और छोटे शहरों से निवेश पर डिस्ट्रीब्यूटर्स को मिलेगा बोनसइन्फोसिस के बाद अब टीसीएस और विप्रो भी ला सकती हैं शेयर बायबैक ऑफरUS टैरिफ से मुश्किल में इंडियन ऑटो पार्ट्स, मारुति सुजूकी MD ने बताई राह3, 5, 8 या 10 साल: SIP से कितने साल में मिलता है सबसे ज्यादा रिटर्न, 15 साल के चार्ट से समझेंफेविकोल बनाने वाली कंपनी का शेयर पकड़ेगा रफ्तार! ब्रोकरेज ने कहा- खरीद लें, दिखा सकता है 23% का तगड़ा उछालइंजीनियरिंग बदलावों से अटक रहा नए वाहनों का लॉन्च, भारत चीन से पिछड़ रहाUrban Company IPO को मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स, 103 गुना से ज्यादा हुआ सब्सक्राइबअगस्त में खुदरा महंगाई मामूली बढ़कर 2.07 प्रतिशत हुई, ग्रामीण और शहरी इलाकों में कीमतों में हल्की बढ़ोतरी दर्ज

चाय हो या खाना…सबमें लगा महंगाई का तड़का

Last Updated- December 07, 2022 | 7:41 AM IST

सरकार भले ही इस बात के लाख दावे कर रही हो कि खाद्य पदार्थों का स्टॉक देश में पर्याप्त है और इनकी कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी, लेकिन हकीकत इसके उलट है।


इस बात का प्रमाण है, चाय की चुस्की से लेकर खाने की थाली तक लगा महंगाई का जबरदस्त तड़का। इनके दामों में पिछले महीने के मुकाबले औसतन 10-15 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। यही नहीं, इनमें फिलहाल कोई गिरावट के आसार भी नहीं हैं।

बाजार रुख पर पैनी नजर डालकर ब्रेकफास्ट टी से लेकर डिनर तक में महंगाई का मेन्यू क्या है, बता रहे हैं राजीव कुमार:

चाय

सुबह उठते ही चाय की चुस्की लेना अब कितना महंगा होता जा रहा है, यह जानकर शायद आपकी सुबह उतनी सुहानी नहीं रहे। देश के विभिन्न एपीएमसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने के मुकाबले चाय की औसत कीमत में प्रति क्विंटल 2000 रुपये से अधिक का इजाफा हुआ है। मई महीने में यह कीमत 7022 रुपये प्रति क्विंटल थी, जो अब बढ़कर 9833 रुपये के स्तर पर आ गयी। यानी चाय के शौकीन लोगों की जेब लगातार ढीली होती जा रही है।

चीनी

महंगाई के साथ घुलकर चीनी का जायका बी अब उतना मीठा नहीं रहा है। भले ही चीनी का थोक मूल्य पिछले माह के मुकाबले दिल्ली की मंडी में 1600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर है लेकिन पूरे देश भर में चीनी के औसत मूल्य में मई महीने के मुकाबले बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। मई महीने में चीनी का औसत मूल्य 1597 रुपये प्रति क्विंटल था जो जून में 1647 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। पिछले साल के मुकाबले तो चीनी के औसत मूल्य में 168 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई।

खाद्य तेल

न तो सरकार के पास और न ही थोक व्यापारियों के पास इसका स्टॉक बचा है। मई के आरंभ में सरसों तेल की कीमत थोक बाजार में 62-65 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो जून में 72 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गई। सोया तेल भी पिछले महीने के मुकाबले 7-10 रुपये उछाल के साथ 71 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया। मूंगफली तेल पहले से ही तेजी के साथ 74-75 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर है। स्टॉक है नहीं, अक्तूबर के पहले फसल आने वाली नहीं, लिहाजा कीमत तो बढ़ेगी।

सब्जी

पिछले महीने के मुकाबले आलू-प्याज टमाटर से लेकर तमाम हरी सब्जियां महंगी हो चुकी हैं। दिल्ली में पिछले महीने घीये की कीमत 6 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो अभी 10 रुपये हो गयी। करेला, भिंडी व टिंडा भी 30-35 फीसदी की तेजी के साथ 12,14 व 12 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर है। प्याज की कीमत में 5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है तो आलू में 30 फीसदी की तेजी आ चुकी है। आलू की कीमत 396 रुपये प्रति क्विंटल थी जो इस महीने 521 रुपये है।

दाल

दाल में कीमतों का इजाफा पिछले महीने के मुकाबले 10 फीसदी तक का है। आगे अभी और बढ़ोतरी की संभावना है। थोक व्यापारियों का कहना है कि दिल्ली व अन्य कई प्रांतों में स्टॉक की सीमा तय होने से उन्होंने कोई स्टॉक नहीं किया। इसका फायदा उठाकर आपूर्तिकर्ता ने कीमत तेज कर दी। लारेंस रोड स्थित दाल मिल एसोसिएशन के मुताबिक इस साल दाल का उत्पादन भी ठीक है फिर भी तेजी जारी रहेगी। क्योंकि माल भाड़े में बढ़ोतरी हो चुकी है।

चावल

निर्यात मांग के कारण बासमती चावल में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 30 फीसदी तक की तेजी आ चुकी है। पिछले साल 60 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने वाला चावल इस साल 90 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है। मोटे चावल परमल में भी थोक बाजार में पिछले महीने के मुकाबले 2 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी आयी है। दिल्ली के ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के मुताबिक परमल चावल में तेजी डीजल व धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के कारण हुई है।

गेहूं

गेहूं के मामले में सरकार की दावेदारी जरूर सही नजर आ रही है। करीब 20 राज्यों से एकत्रित गेहूं के मूल्यों को देखने से पता चलता है कि पिछले महीने के मुकाबले गेहूं के औसत मूल्य में प्रति क्विंटल मात्र 10 रुपये का इजाफा हुआ। मई महीने में देश में गेहूं का औसत मूल्य 1123 रुपये प्रति क्विंटल था जो इस माह 1133 रुपये हो गया। दिल्ली के थोक बाजार में गेहूं सुस्त हो गया है। पिछले महीने के मुकाबले इसकी कीमत में 12 फीसदी की कमी दर्ज की गयी है।

First Published - June 25, 2008 | 12:20 AM IST

संबंधित पोस्ट