RBI CRR Cut: रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को मॉनेटरी पॉलिसी का जारी करते हुए कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में आधा फीसदी की कटौती का ऐलान किया। अब सीआरआर 4.5 फीसदी से घटकर 4 फीसदी रह गया है। वहीं, रिजर्व बैंक ने ‘न्यूट्रल’ पॉलिसी रुख के साथ रीपो रेट (Repo Rate) को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। सीआरआर में कटौती को बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के एक अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है। सीआरआर 4 फीसदी करने से बैंकिंग सिस्टम में करीब 1.16 लाख करोड़ रुपये का कैश फ्लो बढ़ेगा। एक्सपर्ट मानते हैं कि सीआरआर में कटौती से आगे की पॉलिसी में ब्याज दरों में कटौती के संकेत मिलते हैं।
दरअसल, CRR वह रकम होती है, जो बैंकों की ओर से अपने कुल डिपॉजिट का एक हिस्सा रिजर्व बैंक के पास जमा करना होता है। मार्केट में कैशफ्लो को कंट्रोल करने का यह एक अहम पॉलिसी टूल है। सीआरआर से यह सुनिश्चित होता है कि बैंकों को ग्राहकों की मांगों के अनुरूप कैश की कमी से न जूझना पड़े।
CRR में बढ़ोतरी या कटौती का बड़ा असर बैंकिंग सिस्टम में उपलब्ध नकदी पर पड़ता है। इसे ऐसे समझते हैं, अगर आरबीआई ने सीआरआर बढ़ा दिया तो बैंक को अपनी जमा रकम का ज्यादा हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना होग। इससे बैंक के पास लोन के लिए रकम घट जाएगी। वहीं, अगर रिजर्व बैंक सीआरआर घटाता है तो बैंकों के पास कैश फ्लो बढ़ जाएगा। इससे बैंकों को कर्ज देने के लिए ज्यादा लिक्विडिटी उपलब्ध होगी। हालांकि, सीआरआर में बदलाव का लिक्विडिटी पर असर आने में समय लगता है। रीपो रेट में बदलाव की तरह तुरंत असर नहीं होता है।
केयरऐज रेटिंग्स की चीफ इकोनॉमिस्ट रजनी सिन्हा का कहना है, रिजर्व बैंक की ओर से सीआरआर में आधा फीसदी की कटौती से लिक्विडिटी में बढ़ोतरी होगी। यह आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती को लेकर आधार तैयार करेगा। हमारा अनुमान है कि 2025 में रिजर्व बैंक ब्याज दरों में 50 bps की कमी कर सकता है। 2025 की पहली तिमाही में खुदरा महंगाई दर 5 फीसदी के नीचे आ सकती है और इससे रिजर्व बैंक को रेट कट साइकिल शुरू करने का विंडो मिलेगा। हालांकि, इस बात से कोई इनकार नहीं किया जा सकता कि ग्रोथ के मोर्चे पर कुछ चिंताएं हैं और जैसे ही खाने-पीने की चीजों की महंगाई आरबीआई के दायरे में आती है, वह ब्याज दरों में कटौती का दौर शुरू करेगा।
PGIM इंडिया म्युचुअल फंड के हेड (फिक्स्ड इनकम) पुनीत पाल का कहना है, RBI ने CRR में 50bps की कटौती करके आसान मॉनेटरी साइकल की शुरुआत की है। CRR में कटौती से बैंकिंग प्रणाली में 1.16 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी जारी होगी। CRR में कटौती के बाद यील्ड कर्व में तेजी आई है।
प्रोफेक्टस कैपिटल के डायरेक्टर एंड सीईओ केवी श्रीनिवासन का कहना है, रिजर्व बैंक की ओर से व्यस्त सीजन में सीआरआर कटौती से सिस्टम में नकदी का स्तर सुधरेगा। इससे वर्किंग कैपिटल मैनेजमेंट बेहतर करने में मदद मिलेगी। MSME सेक्टर को बेहतर ब्याज दर सिस्टम से ज्यादा फायदा होगा। इससे ऑपरेशंस को मॉर्डर बनाने और प्रतिस्पर्धी होने में मदद मिलेगी।
रियल्टी फर्म अजमेरा रियल्टी एंड इंफ्रा के सीएफओ नितिन बाविसी का कहना है कि CRR में कटौती एक बड़ा पॉजिटिव कदम है। इससे न केवल लिक्विडिटी की स्थिति बेहतर होगी, बल्कि डिपॉजिट और लेडिंग रेट्स भी नीचे जाएंगे। हालांकि, इसका असर आने में अभी समय लगेगा।
उनका कहना है, मोटे तौर पर अनमान है कि 2025 की पहली छमाही से ब्याज दरों के नीचे आने का साइकिल शुरू हो जाएगा। ब्याज दरें घटने से सिस्टम में कैश फ्लो बढ़ेगा। सेक्टर के लिए 2025 में आने वाले नए प्रोजेक्ट्स के लिए पॉजिटिव होगा। रिजर्व बैंक ने ग्रोथ का रास्ता तय कर लिया है अब फरवरी में आने वाले बजट पर नजर होगी कि वित्त मंत्री की तरफ से क्या ऐलान होते हैं।