अर्थव्यवस्था

CBIC के नए मुखिया बने विवेक चतुर्वेदी, बजट और कर सुधारों की कमान संभालेंगे

सीबीआईसी के चेयरमैन के रूप में केंद्र सरकार का 2026-27 का बजट बनाने में उनकी अहम भूमिका होगी। खासकर अप्रत्यक्ष कर के मामले में उनका काम महत्त्वपूर्ण होगा

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मोनिका यादव   
Last Updated- December 01, 2025 | 9:20 AM IST

भारतीय राजस्व सेवा के 1990 बैच के अधिकारी और वर्तमान में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) में सदस्य (कर नीति एवं विधि) विवेक चतुर्वेदी को बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। संजय कुमार अग्रवाल के सेवानिवृत्त होने के बाद वह सोमवार, 1 दिसंबर को पदभार ग्रहण करेंगे। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने शुक्रवार को उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी।

तीन दशकों से अधिक का अनुभव

चतुर्वेदी को सीमा शुल्क प्रशासन, खुफिया जानकारी, डेटा सिस्टम और सतर्कता में तीन दशकों से अधिक का अनुभव है। सीबीआईसी बोर्ड में पदोन्नति से पहले उन्होंने सतर्कता महानिदेशालय में मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में कार्य किया, जहां वह आंतरिक निरीक्षण और इंटिग्रिटी प्रॉसेस का कामकाज देखते थे। इससे पहले वह डायरेक्टर जनरल ऑफ एंटी प्रॉफिटियरिंग रेवेन्यू ऐंड मॉनिटरिंग (डीजीएआरएम) पद पर काम कर चुके हैं। सीबीआईसी के चेयरमैन के रूप में केंद्र सरकार का 2026-27 का बजट बनाने में उनकी अहम भूमिका होगी। खासकर अप्रत्यक्ष कर के मामले में उनका काम महत्त्वपूर्ण होगा। वह ऐसे संवेदनशील वक्त में पद संभाल रहे हैं, जब सितंबर में वस्तु एवं सेवा कर घटाए जाने के बाद मंत्रालय राजस्व में तेजी बनाए रखने के लिए राह निकाल रहा है।

DRI में लंबे समय तक दी सेवाएं

उन्हें सीमा शुल्क आधुनिकीकरण के अगले चरण का भी मार्गदर्शन करना होगा। हाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तेज मंजूरी, गहन डिजिटलीकरण और जोखिम से बचने की मजबूत व्यवस्था के उद्देश्य से ‘अगली पीढ़ी के सीमा शुल्क सुधारों’ को विकसित करने के बारे में बात की थी। चतुर्वेदी के सेवा रिकॉर्ड से पता चलता है कि उन्हें सबसे गहरा और लंबा अनुभव राजस्व खुफिया महानिदेशालय (डीआरआई) का है। उन्होंने डीआरआई में कई पदों पर काम किया, जिसमें डीआरआई मुख्यालय में डिप्टी कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर, एडीशनल डायरेक्टर और बाद में एडीशनल डायरेक्टर जनरल का पद शामिल है।

उनके साथ काम करने वाले अधिकारियों ने उन्हें मेहनती और व्यावहारिक बताया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘वह अपने काम में बहुत कुशल हैं और बारीकियों में उतरते हैं। खोजी मामलों की उनकी समझ लखनऊ में उनके डीआरआई के शुरुआती वर्षों से मिलती है, जहां उन्होंने तस्करी के जटिल मामलों को संभाला था।’ एक अन्य सहयोगी ने कहा, ‘वह एक ईमानदार और उत्कृष्ट अधिकारी हैं, और उन्हें डीआरआई का व्यापक अनुभव है।’
एक तीसरे वरिष्ठ अधिकारी ने संतुलित शब्दों में उनकी नेतृत्व शैली का वर्णन करते हुए कहा, ‘वह काम पूरा करने के मामले में सख्त अधिकारी हैं, लेकिन सहकर्मियों के प्रति स्नेही भी हैं।’

First Published : December 1, 2025 | 9:20 AM IST