अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को वाशिंगटन में कहा कि चीन, जापान और भारत की वृद्धि को ‘जेनोफोबिया’ (विदेशियों को नापसंद करना) रोक रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए प्रवासन अच्छा रहा है।
बाइडन ने कहा, ‘हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ने का बड़ा कारण आप और अन्य लोग हैं। क्यों? क्योंकि हम प्रवासियों का स्वागत करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘चीन आर्थिक रूप से क्यों तबाह हो रहा है? क्यों जापान परेशान है? रूस और भारत के साथ क्या समस्याएं हैं? क्योंकि वे जेनोफोबिक हैं। वे प्रवासियों को नही चाहते हैं। प्रवासी ही हमें मजबूत करते हैं।’
उन्होंने 2024 के अपने चुनाव अभियान के लिए रकम जुटाने के उद्देश्य से वॉशिगटन में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बातें कहीं। उन्होंने एशियाई-अमेरिकी, मूल हवाई और प्रशांत द्वीप पर रहने वालों के लिए विरासती महीने की शुरुआत भी की।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बीते महीने अनुमान लगाया था कि साल 2024 में प्रत्येक देशों की वृद्धि बीते साल की तुलना में धीमी हो जाएगी, जो विकसित देश जापान में 0.9 फीसदी से लेकर विकासशील भारत में 6.8 फीसदी तक होगी।
IMF का अनुमान है कि अमेरिका की वृद्धि दर 2.7 फीसदी रहेगी, जो पिछले साल की 2.5 फीसदी से थोड़ी ज्यादा है। कई अर्थशास्त्री उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन का श्रेय आंशिक तौर पर देश की श्रम शक्ति को बढ़ाने वाले प्रवासियों को देते हैं। नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमेरिकी मतदाताओं के लिए अनियमित प्रवासन एक बड़ी चिंता का विषय है।
बाइडन ने देश के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के अपने प्रतिद्वंद्वी डॉनल्ड ट्रंप के प्रवासन के खिलाफ बयान की निंदा की है। उन्होंने दुनिया भर में चीन और रूस का मुकाबला करने के लिए जापान और भारत जैसे देशों के साथ व्यापक आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को बढ़ावा दिया है।