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अर्थव्यवस्था को गति देने का किया आग्रह

Last Updated- December 14, 2022 | 8:15 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से पहले उद्योग जगत के लोगों से मशविरा शुरू कर दिया है। सोमवार को ऐसी ही एक बैठक हुई, जिसमें उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने फिलहाल राजकोषीय मजबूती के बजाय अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाला बजट तैयार करने का आग्रह किया। इन प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री से वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर व्यय बढ़ाने का भी अनुरोध किया।
भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष उदय कोटक ने कहा, ‘सीआईआई ने अपने प्रस्ताव में बजट में अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने पर जोर देने का आग्रह किया। राजकोषीय स्थिति मजबूत बनाने के लिए अगले तीन वर्षों की योजना लेकर आगे बढऩे का सुझाव दिया गया। राजस्व में आई कमी की भरपाई निवेश बढ़ाने के उपायों और परिसंपत्तियों की बिक्री के जरिये की जा सकती है।’
फिक्की ने अपने सुझाव में कहा कि बजट में आर्थिक वृद्धि तेज करने पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए और इसके बाद ही राजकोषीय स्थिति सुधारने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। फिक्की ने कहा कि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए फिलहाल और प्रोत्सोहनों की जरूरत है।
उद्योग जगत का प्रतिनिधित्व करने वाली एक और संस्था एसोचैम ने व्यक्तिगत आय कर की दरें
कम करने का सुझाव दिया। एसोचैम ने कहा कि कंपनी कर की कम दरों और व्यक्तिगत करदाताओं पर बढ़े अधिभार के मद्देनजर व्यक्तिगत आय कर दरों में कमी की जा सकती है।
कोटक ने कहा कि सरकार को ढांचागत, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था में निरंतरता बहाल करने में योगदान देने वाले क्षेत्रों पर अधिक व्यय करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘बजट प्रस्ताव में निजी क्षेत्र से निवेश बढ़ाने और रोजगार सृजन के उपाय इन दो अहम बिंदुओं पर भी जोर दिया जाना चाहिए।’
कोटक ने ‘विवाद से विश्वास’ योजना की अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ाए जाने का भी सुझाव दिया। इस योजना की अवधि इस महीने समाप्त हो रही है।  
सीआईआई प्रमुख ने सरकार से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से नीचे करने की भी मांग की। कोटक ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक को छोड़कर शेष बैंकों में सरकार को अगले 12 वर्षों के दौरान अपनी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत कम करनी चाहिए।
कोटक ने कहा कि सरकार को अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों को धन मुहैया कराने के लिए सरकार नियंत्रित और पेशेवर तरीके से प्रबंधित विकास वित्त संस्थानों का गठन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को अगले तीन वर्षों के दौरान आयात शुल्क देसी उद्योग जगत के हितों के अनुकूल बनाना चाहिए।

First Published - December 14, 2020 | 11:13 PM IST

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