चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की शीर्ष 21 कंपनियों का अग्रिम कर भुगतान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 47 फीसदी से भी ज्यादा उछलकर 27,210 करोड़ रुपये हो गया। टाटा स्टील, ओएनजीसी और बैंकों ने इस बार ज्यादा अग्रिम कर का भुगतान किया है।
टाटा स्टील ने 4,000 करोड़ रुपये अग्रिम कर चुकाया है, जो पिछले साल की दूसरी तिमाही के मुकाबले 3,900 फीसदी अधिक है। सूत्रों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में तेजी के बीच ओएनजीसी का अग्रिम कर इस बार 662 फीसदी बढ़ गया। कंपनी ने 2,250 करोड़ रुपये अग्रिम कर अदा किया है, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में उसने केवल 295 करोड़ रुपये अग्रिम कर चुकाया था।
मामले की जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी और आईटीसी जैसी दिग्गज कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की अब तक की दोनों तिमाहियों में अग्रिम कर नहीं चुकाया है। इन कंपनियों ने उस प्रावधान का लाभ उठाया है, जिसके तहत उन्हें अपने घाटे को आगे ले जाने की अनुमति दी गई है। अधिकारी ने बताया कि आयकर कानून के तहत कंपनियां छह साल तक ऐसा कर सकती हैं।
उधर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) सहित सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों का कर भुगतान दो अंकों में बढ़ा है। एसबीआई ने 3,834 करोड़ रुपये (28.8 फीसदी अधिक) और एलआईसी ने 3,171 करोड़ रुपये (12.8 फीसदी ज्यादा) अग्रिम कर भरा है। इसी तरह पंजाब नैशनल बैंक ने 123 फीसदी वृद्घि के साथ 313 करोड़ रुपये चुकाए हैं और केनरा बैंक ने 850 करोड़ रुपये का अग्रिम कर भुगतान किया है, जो पिछली बार की तुलना में 41 फीसदी अधिक है।
अधिकारियों ने अनुसार अग्रिम कर की पहली किस्त के भुगतान में वृद्घि कम आधार की वजह से दिखी थी, लेकिन दूसरी किस्त में भी तेजी दर्शाती है कि कोविड की दूसरी लहर से कंपनियों की वृद्घि और आय पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। हालांकि विमानन और दूरसंचार क्षेत्र पर खासा दबाव रहा है, जिसके कारण इस क्षेत्र की कंपनियों ने पिछली कुछ तिमाहियों में कोई अग्रिम कर नहीं दिया है।
वाहन और एफएमसीजी फर्मों को भी लॉकडाउन में ढील और टाली गई मांग आने से फायदा हुआ है। उदाहरण के लिए हीरो मोटोकॉर्प ने 41 फीसदी ज्यादा और मारुति सुजूकी ने 13 फीसदी अधिक अग्रिम कर भरा है। हीरो मोटोकॉर्प ने पिछले साल इस दौरान 177 करोड़ रुपये अग्रिम कर दिया था, जबकि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसने 250 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। मारुति ने 340 करोड़ रुपये का अग्रिम कर चुकाया है।
एफएमसीजी कंपनियों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, प्रॉक्टर ऐंड गैंबल तथा नेस्ले ने भी पहले से ज्यादा अग्रिम कर दिया है। हिंदुस्तान यूनिलीवर ने 822 करोड़ रुपये (9.6 फीसदी अधिक), प्रॉक्टर ऐंड गैम्बल ने 62 करोड़ रुपये (67.5 फीसदी अधिक) और नेस्ले ने 180 करोड़ रुपये (2.9 फीसदी अधिक) अग्रिम कर का भुगतान किया है।
