G20 देशों के व्यापार मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक आज व्यापार दस्तावेजों के डिजिटलीकरण, छोटे कारोबारियों की सूचना तक बेहतर पहुंच और महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों एवं उत्पादों की पहचान के लिए वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं की मैपिंग सहित तमाम मुद्दों पर आम सहमति के साथ संपन्न हो गई। मगर कोई संयुक्त बयान जारी नहीं किया गया है।
G20 के सभी सदस्य देशों ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष से संबंधित भूराजनीतिक मुद्दों को छोड़कर पूरे नतीजा दस्तावेज पर सर्वसम्मति से सहमति जताई जो पिछले साल नवंबर में बाली में हुए G20 नेताओं की घोषणा के अनुरूप है।
G20 देशों ने स्वैच्छिक एवं गैर-बाध्यकारी ‘वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं की मैपिंग के लिए G20 जेनेरिक फ्रेमवर्क’ का समर्थन किया। यह उच्च गुणवत्ता वाले क्षेत्र स्तरीय डेटा को समय पर एकत्र करने और स्वेच्छा से फर्म स्तर के डेटा प्रदान करने, धारणा बनाने के लिए मॉडलों एवं संकेतकों का उपयोग करने जैसे प्रस्तावों पर आधारित है।
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एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए आह्वान करते हुए मंत्रियों ने जिनेवा में इंटरनैशन ट्रेड सेंटर (आईटीसी) से इस बारे मे विस्तृत कार्रवाई योजना तैयार करने को कहा। एमएसएमई के लिए सूचना संबंधी खाई को पाटने के लिए आईटीसी के ग्लोबल ट्रेड हेल्पडेस्क के उन्नयन के लिए अंकटाड और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से विचार-विमर्श के जरिये योजना बनाई जाएगी।
G20 देशों ने व्यापार दस्तावेंजों के डिजिटलीकरण पर उच्चस्तरीय सिद्धांतों की पहचान भी की है। साथ ही उन्होंने प्रभावी तौर पर कागज रहित व्यापार सुनश्चित करने के लिए मोटे तौर पर 10 सिद्धांत निर्धारित किए हैं। वाणिज्य विभाग की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘ये सिद्धांत इलेक्ट्रॉनिक व्यापार से संबंधित डेटा एवं दस्तावेजों के सीमा पार आदान-प्रदान से संबंधित उपायों को लागू करने में देशों को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। साथ ही इससे कागज रहित सीमा पार व्यापार के लिए एक सुरक्षित एवं पारदर्शी वातावरण तैयार होगा।’
इन तीन खास एवं कार्रवाई पर केंद्रित बातों के अलावा 17 पृष्ठ के नतीजा दस्तावेज में वृद्धि एवं समृद्धि के लिए व्यापार पर आम सहमति, डब्ल्यूटीओ में सुधार के लिए हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता और दमदार वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के जरिये व्यापार को मजबूत करने की बात कही गई है। दस्तावेज में कहा गया है, ‘हमें भविष्य को ध्यान में रखते हुए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला तैयार करने और उन्हें झटका सहने लायक बनाने के लिए काम करने की जरूरत है।’
वाणिज्य एवं व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने जयपुर में आयोजित G20 देशों की व्यापार एवं निवेश मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद कहा, ‘कुल मिलाकर तीन मुद्दों पर सभी देशों ने सहमति जताई। ये अंतरराष्ट्रीय व्यापार और पूरी मानवता की सामूहिक भलाई के लिए व्यापार संबंधी नतीजे हैं। 17 पेज के इस दस्तावेज में केवल एक पैरा पर हम स्पष्ट कारणों से आम सहमति नहीं बना सके।’
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रूस ने जयपुर बैठक के नतीज दस्तावेज में भू-राजनीतिक से संबंधित पैरा को शामिल किए जाने को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह जी20 के उद्देश्यों के अनुरूप नहीं है। हालांकि अन्य देशों ने उससे सहमति जताई। बाद में चीन ने कहा कि G20 की व्यापार मंत्रिस्तरीय बैठक भूराजनीतिक मुद्दों पर चर्चा के लिए सही फोरम नहीं है।
गोयल ने कहा, ‘आज हम जो नतीजा लेकर आए हैं और जिस पर मंत्रियों के पूरे समूह ने सहमति जताई है, वह वास्तव में जी20 का एक सबसे महत्त्वपूर्ण नतीजा है। यह एक नतीजा दस्तावेज और अध्यक्ष की बातों का सारांश है। इसमें कई नए तत्व हैं जो पहले G20 के एजेंडे में शामिल नहीं थे। यह हमारे लिए ढांचा या मार्गदर्शक सिद्धांत बन सकता है जहां हम अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि में उल्लेखनीय प्रगति देख सकते हैं।’
यह मंत्रिस्तरीय बैठक अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करने वाली प्रतिकूल परिदृश्य के बीच संपन्न हुई। अमेरिका-चीन व्यापार जंग, कोविड-19 वैश्विक महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को तगड़ा झटका लगा है। इसलिए उसे मजबूती देने की जरूरत महसूस की जा रही है।
व्यापार मंत्री ने एमसी12 के नतीजों की भी पुष्टि की जहां डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्यों ने उसके कार्यप्रणाली में सुधार के लिए आवश्यक उपाय करने की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।