अर्थव्यवस्था

सरकार का कुल कर्ज दूसरी तिमाही में बढ़कर 147 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा

फीसदी के हिसाब से तिमाही आधार पर चालू वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में इसमें एक फीसदी की वृद्धि हुई है।

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भाषा
Last Updated- December 27, 2022 | 4:31 PM IST

सरकार का कुल कर्ज सितंबर के अंत में बढ़कर 147.19 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इससे पहले जून तिमाही में यह 145.72 करोड़ रुपये था। सार्वजनिक कर्ज के ताजा आंकड़ों के अनुसार, फीसदी के हिसाब से तिमाही आधार पर चालू वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में इसमें एक फीसदी की वृद्धि हुई है।

वित्त मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को सार्वजनिक कर्ज प्रबंधन पर जारी तिमाही रिपोर्ट के अनुसार, इस साल सितंबर के अंत में सार्वजनिक कर्ज, सकल देनदारी का 89.1 फीसदी रहा जो 30 जून को समाप्त तिमाही में 88.3 फीसदी था। इसमें कहा गया है कि करीब 29.6 फीसदी सरकारी प्रतिभूतियां (निश्चित या परिवर्तनशील ब्याज वाली प्रतिभूतियां) पांच साल से कम अवधि में परिपक्व होने वाली हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी तिमाही के दौरान केंद्र सरकार ने प्रतिभूतियों के जरिये 4,06,000 करोड़ रुपये जुटाये हैं। जबकि उधारी कार्यक्रम के तहत अधिसूचित राशि 4,22,000 करोड़ रुपये थी। वहीं 92,371.15 करोड़ रुपये लौटाये गये। चालू वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में भारांश औसत प्रतिफल बढ़कर 7.33 फीसदी हो गया जो पहली तिमाही में 7.23 फीसदी था। दूसरी तिमाही में नई जारी प्रतिभूतियों के परिपक्व होने की भारांश औसत अवधि 15.62 साल थी जो पहली तिमाही में 15.69 वर्ष थी।

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सरकार ने जूलाई-सितंबर तिमाही में नकद प्रबंध बिल यानी नकदी प्रबंधन के लिये अल्प अवधि की प्रतिभूतियों के जरिये कोई राशि नहीं जुटायी है। इस दौरान भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकारी प्रतिभूतियों के लिये कोई खुली बाजार गतिविधियां आयोजित नहीं कीं। रिपोर्ट में विदेशी मुद्रा भंडार के संदर्भ में कहा गया है कि यह 30 सितंबर, 2022 को 532.66 अरब डॉलर रहा जो 24 सितंबर, 2021 को 638.64 अरब डॉलर था। एक जुलाई, 2022 से 30 सितंबर, 2022 के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 3.11 फीसदी नीचे आया है।

First Published : December 27, 2022 | 4:31 PM IST