facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

रुपये ने लगाया और भी गोता

इस कैलेंडर वर्ष में रुपये में 2.24 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। अभी तक दिसंबर में 0.73 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

Last Updated- December 24, 2024 | 10:44 PM IST
No threat to the dollar डॉलर को खतरा नहीं

रुपया नए निचले स्तर पर पहुंच गया। डीलरों के मुताबिक डॉलर की मांग बढ़ने के कारण रुपया लगातार छठे सत्र में नए निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है। महीने के अंत में आयातकों की मांग और अमेरिका की ट्रेजरी यील्ड से डॉलर की मांग बढ़ गई है।

मंगलवार को रुपया 85.20 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जबकि यह सोमवार को 85.12 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इस कैलेंडर वर्ष में रुपये में 2.24 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। अभी तक दिसंबर में 0.73 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने डॉलर की बिक्री कर विदेशी मु्द्रा बाजार में हस्तक्षेप किया। इससे रुपया और गिरने से रुका था। लिहाजा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार छह माह के निचले स्तर पर पहुंच गया लेकिन रिजर्व बैंक के समय से हस्तक्षेप करने से मुद्रा की अतिरिक्त गिरावट थम गई।

एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘डॉलर सूचकांक 108 के पार चला गया और तेल आयातकों की ओर से महीने के अंत में मांग रही।’ उन्होंने कहा, ‘रिजर्व बैंक वहां था। वे वहां उपस्थित थे लेकिन एक विशिष्ट स्तर पर नहीं।’अमेरिका की 10 वर्षीय यील्ड सोमवार को बढ़कर 4.59 प्रतिशत हो गई और पूरे दिन स्थिर रही। इस दौरान डॉलर सूचकांक इस महीने 2 प्रतिशत बढ़कर 108.2 पर पहुंच गया।

एक निजी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने कहा, ‘हम मार्च के अंत तक रुपये के 85.50 प्रति डॉलर का अनुमान लगा रहे थे लेकिन हम दिसंबर में ही 85.20 के स्तर पर पहुंच गए। रिजर्व बैंक ने नकदी कम करके और अल्पावधि तरीकों से हस्तक्षेप करने का प्रयास किया है।’ भारतीय रिजर्व बैंक के हालिया आंकडो़ं के अनुसार बैंकिंग प्रणाली में नकदी की कमी बढ़कर 2.43 लाख करोड़ रुपये हो गई और यह मौजूदा वर्ष में 21 मई के बाद उच्चतम स्तर है।

रुपये ने इस तिमाही में कई कारकों से महत्त्वपूर्ण दबाव झेला है। इन कारकों में सुस्त पूंजीगत आवक, बढ़ता व्यापार घाटा, गिरती आर्थिक वृद्धि की चिंताएं और सबसे नवीनतम फेडरल रिजर्व बैंक का बेंचमार्क ब्याज दरों पर आक्रामक रुख है। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 आधार अंक की कटौती की है लेकिन बढ़ती महंगाई का संकेत देकर आक्रामक रुख को कायम रखा है।

केंद्रीय बैंक ने 2025 में ब्याज दरों में 50 आधार अंक की कटौती का अनुमान जताया। फिर 2026 में कटौती का अनुमान जताया गया है। वर्ष 2024 में ब्याज दर में 100 आधार अंक की कटौती की जा चुकी है। फेड के 2026 के मध्य तक दर समायोजन को रोकने की संभावना है। भविष्य के निर्णय 20 जनवरी को राष्ट्रपति ट्रंप के पद ग्रहण के बाद की आर्थिक स्थितियों पर निर्भर करेंगे।

First Published - December 24, 2024 | 10:33 PM IST

संबंधित पोस्ट