प्रस्तावित तरलता कवरेज अनुपात (एलसीआर) दिशानिर्देशों के आसन्न क्रियान्वयन के संबंध में बैंकों को जरूरी राहत देते हुए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि ये नियम 31 मार्च, 2026 से पहले लागू नहीं होंगे। एलसीआर दिशा-निर्देश 1 अप्रैल से लागू होने वाले थे। इस समय-सीमा को आगे बढ़ाने का मकसद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बैंकों को यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त समय देना है कि संबंधित दिशा-निर्देशों के अमल में कोई समस्या पैदा न हो। मल्होत्रा ने कहा कि नियामक विनियमन की लागत और लाभ के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करेगा।
नीतिगत बैठक के बाद मल्होत्रा ने कहा, ‘हम समझते हैं कि बैंकों के लिए दो महीने से कम समय बहुत कम है। इसलिए, हम कम से कम 31 मार्च, 2026 तक का समय देंगे। इसका मतलब यह नहीं है कि यह 31 मार्च, 2026 ही होना चाहिए। लेकिन हम इस समय-सीमा तक क्रियान्वयन के लिए प्रयास करेंगे। लेकिन हम इसे बहुत सहज बनाना चाहते हैं और इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। ऐसा नहीं होगा कि सभी नियम पहले दिन से ही लागू हो जाएं।’
इसके अलावा, संभावित ऋण नुकसान (ईसीएल) और अनुमानित वित्त मानकों के बारे में मल्होत्रा ने कहा, ‘ईसीएल केवल एक चर्चा पत्र था। यहां तक कि मसौदा (दिशानिर्देश) भी जारी नहीं किया गया है। इसलिए, ईसीएल दिशानिर्देशों के क्रियान्वयन के लिए कोई समय सीमा नहीं है।’ उनका कहना है कि परियोजना वित्त पोषण के लिए बैंकों को और ज्यादा समय की जरूरत होगी।
जुलाई 2024 में जारी प्रस्तावित एलसीआर मानकों के अनुसार, बैंकों को इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग (आईएमबी) सुविधाओं से संपन्न खुदरा जमाओं के लिए अतिरिक्त 5 प्रतिशत ‘रन-ऑफ फैक्टर’ आवंटित करना होगा। रन-ऑफ फैक्टर जमाओं का वह हिस्सा होता है, जिसे बैंक दबाव की अल्पावधि में वापस लेने की उम्मीद करता है।
मौजूदा मानकों के अनुसार बैंकों को 100 प्रतिशत एलसीआर बनाए रखना अनिवार्य है। इसका मतलब है कि उच्च गुणवत्ता वाली तरल संपत्तियों (एचक्यूएलए) का स्टॉक कम से कम कुल शुद्ध नकदी निकासी के बराबर होना चाहिए। बैंक आरबीआई से इन मानकों के क्रियान्वयन को स्थगित करने और उन्हें चरणबद्ध तरीके से लागू करने का अनुरोध कर रहे थे, खासकर ऐसे समय में जब बैंकिंग प्रणाली में तरलता काफी कम हो गई है।
भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक अश्विनी कुमार तिवारी ने कहा, ‘बैंकों ने एलसीआर मानकों के बारे में आरबीआई को फीडबैक दिया था।