सरकार उत्पादन पर आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना की अनूठी किस्म की समीक्षा करने जा रही है। इसमें PLI के लाभार्थियों के सामने आई शुरुआती समस्याओं के समाधान के लिए हितधारकों से प्रतिक्रिया मांगी जाएगी।
मामले की जानकारी रखने वालों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इसके लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में एक बैठक होगी, जिसमें उन 14 मंत्रालयों के प्रतिनिधि होंगे, जो PLI योजना के क्रियान्वयन में शामिल हैं। PLI योजना का उद्देश्य भारत को विनिर्माण का अड्डा बनाना है। जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया, ‘27 जून को होने वाली बैठक में इस योजना के प्रमुख लाभार्थियों के शामिल होने की भी उम्मीद है।’
एक व्यक्ति ने कहा, ‘बैठक के दौरान PLI योजना के क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा करने और उद्योग एवं अन्य सभी सरकारी विभागों से प्रतिक्रिया लेने का भी विचार है।’
उन्होंने कहा कि मंत्री पहली बार इस तरह का कदम उठा रहे हैं। यह बैठक कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों के अधिकारप्राप्त समूह की समय-समय पर होने वाली बैठक से अलग होगी। यह बैठक महत्त्वपूर्ण है क्योंकि कुछ योजनाएं लागू करते समय PLI लाभार्थियों को चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। उदाहरण के लिए वाहन क्षेत्र में PLI योजना के तहत कंपनियों को अभी भी प्रोत्साहन के बारे में स्पष्ट रूप से नहीं पता है।
भारी उद्योग विभाग इस मामले को देख रहा है। अब तक 14 PLI योजनाओं में से 13 योजनाएं लागू हो चुकी हैं। इस्पात के लिए PLI योजना शुरू होने में समय लग रहा है।
एक व्यक्ति ने कहा, ‘इस्पात के लिए PLI योजना से संबंधित समस्याएं निपटाई जा रही हैं और जल्द ही यह योजना भी शुरू हो जाएगी।’
वित्त वर्ष 2023 में PLI योजना के तहत 3,420 करोड़ रुपये के दावे किए गए और सरकार ने इसमें से 2,874 करोड़ रुपये दे भी दिए। उद्योग विभाग द्वारा जारी अप्रैल के आंकड़ों से यह पता चला है।
आंकड़ों के अनुसार इसमें आठ क्षेत्रों- मोबाइल विनिर्माण, आईटी हार्डवेयर, फार्मास्युटिकल, बल्क ड्रग्स, चिकित्सा उपकरण, दूरसंचार, खाद्य उत्पाद एवं ड्रोन- के PLI लाभार्थी शामिल हैं। इस तरह PLI योजना के तहत पांच साल के लिए आवंटित 1.97 लाख करोड़ रुपये में से सरकार 1.4 फीसदी रकम प्रोत्साहन के रूप में दे चुकी है।
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PLI योजना के तीसरे वर्ष यानी वित्त वर्ष 2024 में प्रोत्साहन की रकम तीन गुना बढ़कर लगभग 8,083 करोड़ रुपये होने की उम्मीद थी। साल के अंत तक इस मद में सरकार का खर्च बढ़कर 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
दो सरकारी अधिकारियों ने कहा कि सरकार को PLI योजना में आगे तेजी आने की उम्मीद है, जिससे लाभार्थियों के दावे भी अधिक होंगे और भुगतान भी बढ़ेगा।
वित्त वर्ष 2024 कई कंपनियों के लिए PLI योजना के तहत उत्पादन का पहला वर्ष होगा। इसके एक साल बाद यानी वित्त वर्ष 2025 में PLI योजना के तहत प्रोत्साहन के दावे भी अधिक किए जाएंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने अप्रैल में कहा था कि सरकार उन क्षेत्रों की समस्याएं दूर करने की कोशिश कर रही है, जिनका प्रदर्शन अच्छा नहीं दिख रहा है। सरकार उन क्षेत्रों को उद्योग के लिए स्वीकार्य स्तर तक ले जाना चाहती है। प्रक्रिया संबंधी खामियों को दूर कर रही है।