अर्थव्यवस्था

जनवरी तक सरकार ने किया तीन चौथाई खर्च, फरवरी-मार्च में लाई गई तेजी तो हासिल हो सकता है राजकोषीय घाटे का लक्ष्य

Government spendings: वित्त वर्ष 2024 के अप्रैल से जनवरी के दौरान राजकोषीय घाटा 11 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो संशोधित अनुमान का करीब 64 फीसदी है।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- February 29, 2024 | 10:51 PM IST

सरकार ने चालू वित्त वर्ष के 10 महीनों में कुल संशोधित अनुमान का तीन चौथाई ही खर्च किया है। लेखा महानियंत्रक के इन ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब सरकार के पास फरवरी-मार्च में अधिक खर्च करने की पर्याप्त गुंजाइश है।

वित्त वर्ष 2024 के अप्रैल से जनवरी के दौरान राजकोषीय घाटा 11 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो संशोधित अनुमान का करीब 64 फीसदी है। यह पिछले साल की समान अवधि में 67.8 फीसदी था।

बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि अगर फरवरी-मार्च में खर्च में तेजी लाई जाती है, तब भी राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल हो जाएगा। बहरहाल अगर यह खर्च नहीं बढ़ाया जाता है तो राजकोषीय घाटा लक्ष्य से कम रहेगा।’

वित्त वर्ष 2024 में अप्रैल-जनवरी के दौरान राजस्व व पूंजीगत व्यय दोनों ही लक्ष्य का करीब 75 फीसदी थे। विशेषज्ञों का कहना है कि शेष राषि अगले 2 महीने में खर्च की जा सकती है, पूंजीगत व्यय के माध्यम से निवेश के लिए पर्याप्त परियोजनाएं उपलब्ध हैं। पूंजीगत व्यय में पिछले साल की तुलना में 26.5 फीसदी वृद्धि हुई है। बहरहाल सरकार का पूंजीगत व्यय जनवरी 2024 में घटकर 476 अरब रुपये रह गया है, जो जनवरी 2023 में करीब 800 अरब रुपये था।

इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘इस वित्त वर्ष के पूंजीगत व्यय के लक्ष्य को पूरा करने के लिए फरवरी-मार्च 2024 में खर्च करने को 2.3 लाख करोड़ रुपये बचे हैं, जो पिछले साल के समान महीनों में किए गए 1.7 लाख करोड़ रुपये व्यय की तुलना में काफी ज्यादा है। इक्रा को उम्मीद है कि सरकार का पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2024 के संशोधित अनुमान से कम से कम 0.5 लाख करोड़ रुपये कम रहेगा।’

कुल राजस्व व्यय में से 8,21,731 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान पर खर्च हुए हैं और 3,15,559 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडियों पर खर्च हुए हैं।

नायर ने कहा, ‘विनिवेश लक्ष्य में कुछ चूक हो सकती है, लेकिन वित्त वर्ष 2024 के संशोधित अनुमान की तुलना में पूंजीगत व्यय कम रहेगा। ऐसे में इक्रा यह उम्मीद नहीं करती कि वित्त वर्ष 2024 के लिए संशोधित राजकोषीय घाटे का 17.3 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य पार करने पाएगा।’ गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां 61 फीसदी रही हैं, क्योंकि विनिवेश से 30,000 करोड़ रुपये की प्राप्तियां संशोधित लक्ष्य का 42 फीसदी ही रही हैं।

मदन सबनवीस ने कहा कि फरवरी में बहुत ज्यादा गति नहीं है, जिसे देखते हुए यह लक्ष्य हासिल कर पाना चुनौती है। आंकड़ों से पता चलता है कि शुद्ध कर राजस्व जहां 11 फीसदी बढ़ा है, वहीं रिजर्व बैंक के मोटे लाभांश के कारण गैर कर राजस्व 46 फीसदी बढ़ा है।

सीजीए के आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी 2024 तक केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को करों में उनके हिस्से का 8,20,250 करोड़ रुपये हस्तांतरित किया गया है, जो पिछले साल से 1,52,480 करोड़ रुपये अधिक है।

First Published : February 29, 2024 | 10:51 PM IST