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…तेज हो सकती है सरकारी खजाने में लगी आग

Last Updated- December 07, 2022 | 8:03 AM IST

ऑयल इंडस्ट्रीज के अधिकारियों का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में इसी तरह से उछाल जारी रहा, तो ऑयल सब्सिडी बिल का आंकड़ा 300,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।


यही नहीं, इसकी वजह से 133,000 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व घाटा भी बढ़कर दोगुना हो सकता है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि तेल की कीमत जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि ऑयल सब्सिडी बिल 300,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी।

जब इंडियन बॉस्केट में तेल की कीमत 123 डॉलर प्रति बैरल थी, तब सब्सिडी बिल 245,000 करोड़ रुपये अनुमानित था। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा और शुल्कों में कटौती की घोषणा से 40,000 करोड़ रुपये का सब्सिडी बोझ घटा था।

कितना है तेल का भंडार
लगभग 1200 अरब बैरल

किसके पास है कितना
सबसे ज्यादा करीब 62 फीसदी मध्य-पूर्व देशों के पास, जबकि सऊदी अरब के पास 22 फीसदी

कितना है सालाना उत्पादन
3 अरब, 91 करोड़, 40 लाख टन

कब तक निकलता रहेगा तेल
40 सालों तक (अनुमानित)

खपत करने वाले शीर्ष तीन देश
अमेरिका, चीन और जापान (क्रम से)

प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा खपत
अमेरिका में

कितना चाहिए भारत को तेल
सालाना खपत लगभग 14 करोड़, 16 लाख टन
घरेलू उत्पादन 3 करोड़, 40 लाख टन

कितनी है अंतरराष्ट्रीय निर्भरता
भारत अपनी जरूरत का 70 फीसदी आयात करता है।

कौन हैं ओपेक के सदस्य
ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब, वेनेजुएला, कतर, इंडोनेशिया, लीबिया, यूएई, अल्जीरिया, नाइजीरिया, इक्वाडोर और अंगोला

क्या हैं कीमतें बढ़ने के कारण

डॉलर की कमजोरी के कारण निवेशकों ने लगाया तेल में पैसा
मध्य-पूर्व देशों में राजनीतिक अस्थिरता और अन्य तेल उत्पादक देशों में जारी हिंसा
सट्टेबाजीवायदा कारोबार

कैसे खरीदा जाता है तेल
दो-तीन महीने पहले बोली लगाकर होती है एडवांस बुकिंग

First Published - June 28, 2008 | 12:39 AM IST

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