अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संकट के बावजूद भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित होता रहा, जो एक सकारात्मक संकेत है।
औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग के सचिव अजय शंकर ने कहा कि सितंबर तक जो आंकड़े मिले हैं, उसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि भारत में एफडीआई का अंतर्प्रवाह तेजी से हुआ है। उम्मीद है कि आने वाले महीनों में भी यह जारी रहेगा।