स्विट्जरलैंड सरकार ने भारत-एफ्टा (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ) व्यापार समझौते को मंजूरी देने के पहले कदम के तहत इसे अपनी संसद को भेज दिया है। एफ्टा में स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, नार्वे और लिकटेंस्टाइन शामिल हैं।
स्विस सरकार ने बताया, ‘संघीय परिषद ने 4 सितंबर को एफ्टा देशों और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते के बारे में एक प्रेषण को स्वीकार किया है। इस प्रेषण में संघीय परिषद ने समझौते की विषय-वस्तु की सराहना की है तथा उसे भारत के साथ स्विट्जरलैंड के संबंधों के समग्र संदर्भ में रखा है। संसद के शीतकालीन या वसंत सत्र में इस पर चर्चा होने की उम्मीद है।’
संसद की स्वीकृति से पहले इस पर आम और खास लोगों की राय ली जाएगी। इस पर कैंटन, सिविल सोसायटी और कारोबारी समुदाय के लोग राय दे सकेंगे। यदि सार्वजनिक परामर्श में नागरिकों का ई संघ या दल समर्थन में 50,000 हस्ताक्षर प्राप्त कर लेता है तो वह जनमत संग्रह की मांग कर सकता है।