सेवा क्षेत्र में आई मामूली तेजी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:54 PM IST

लगातार 3 महीने की गिरावट के बाद फरवरी में भारत में सेवा गतिविधियों में मामूली वृद्धि हुई है। एक निजी सर्वे में कहा गया है कि कोविड महामारी की तीसरी लहर का असर खत्म होने के बाद संपर्क आधारित सेवाओं पर प्रतिबंध हटाए जाने का इस क्षेत्र पर सकारात्मक असर पड़ा है।  
आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली फर्म आईएचएस मार्किट की ओर से आज जारी आंकड़ों से पता चलता है किसेवा के लिए पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) फरवरी महीने में बढ़कर 51.8 हो गया, जो इसके पहले महीने में 51.5 था। 50 से ऊपर सूचकांक प्रसार और इससे कम अंक संकुचन का सूचक होता है।
बुधवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि भारत का विनिर्माण पीएमआई फरवरी महीने में सुधरकर 54.9 हो गया है, जबकि कोरोना की ओमीक्रोन लहर के कारण जनवरी में यह 4 माग के निचले स्तर 54 पर पहुंच गया था।
फर्म ने कहा, ‘ज्यादा बुकिंग, बेहतर मांग और महामारी खत्म  होने का असर पड़ा है। हाल की बढ़ोतरी ऐतिहासिक मानकों से नीचे है। कुछ कंपनियों ने संकेत दिए हैं कि प्रतिस्पर्धा के दबाव, कोविड-19 और ज्यादा दाम की वजह से वृद्धि कमजोर पड़ी है।’
आईएचएस मार्किट में इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि सेवा क्षेत्र में उल्लेखनीय तेजी नहीं आ सकी है, जैसी कि उम्मीद थी। इसके साथ ही सेवा क्षेत्र की कंपनियां उम्मीद के मुताबिक तेजी नहीं पकड़ पाईं।  उन्होंने कहा, ‘नए कारोबार और सेवा गतिविधियों में मामूली प्रसार हुआ है और यह पिछली जुलाई के बाद सबसे सुस्त वृद्धि है। सर्वे में हिस्सा लेने वालों की सूचनाओं को देखें तो महंगाई का दबाव, इनपुट की कमी और स्थानीय चुनावों से वृद्धि प्रभावित हुई है।’  जनवरी में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर जोर पकडऩे से वृद्धि में सुस्ती देखी गई थी। उसकी तुलना में फरवरी में हालात कुछ बेहतर हुए हैं। इसके अलावा कारोबारी विश्वास में भी हालात कुछ बेहतर हुए हैं लेकिन नौकरियों में कमी दर्ज की गई है। इस बीच उत्पादन कीमतों की तुलना में कच्चे माल की लागत बढ़ गई।
कंपनियों ने संकेत दिए कि फरवरी में परिचालन व्यय ज्यादा रहा और महंगाई बढ़ाने में रसायन, ऊर्जा, खाद्य, ईंधन, श्रम, धातु, प्लास्टिक और खुदरा लागत की अहम भूमिका रही। कुल मिलाकर वृद्धि की दर तेज थी, लेकिन यह जनवरी के 10 साल के उच्च स्तर से कम रही।
आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली फर्म ने कहा, ‘सेवा प्रदाताओं द्वारा लिया जाने वाला शुल्क फरवरी में बढ़ा था। कंपनियों ने ग्राहकों पर अतिरिक्त लागत का बोझ डालना जारी रखा था।’

First Published : March 5, 2022 | 10:17 PM IST