मंगलवार को रुपया मजबूत होकर 86 रुपये प्रति डॉलर से नीचे पहुंच गया। यह डॉलर के मुकाबले 27 पैसे मजबूत होकर बंद हुआ। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा शुल्क में राहत दिए जाने की उम्मीद से रुपये में मजबूती आई है। आखिर में डॉलर के मुकाबले रुपया 85.77 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जबकि इसके पहले 86.04 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
डॉलर सूचकांक 99.70 के निचले स्तर पर रहा, जबकि इसके पहले 99.75 पर बंद हुआ था। इससे 6 प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती का पता चलता है।
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होकर 85.59 पर आ गया, लेकिन संभवतः डॉलर की खरीदारी के माध्यम से रिजर्व बैंक ने हस्तक्षेप किया, जिससे स्थिति बदली।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी में ट्रेजरी हेड और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘रुपया आज फिर मजबूत हुआ क्योंकि डॉलर सूचकांक 100 के नीचे था और डॉलर की आवक, इसकी निकासी की तुलना में ज्यादा रही। ऐसा लगता है कि रिजर्व बैंक ने 85.56 के स्तर पर हस्तक्षेप किया और यह गिरकर 85.85 पर पहुंच गया और आखिर में 85.77 पर बंद हुआ। डॉलर में गिरावट के साथ ही रुपया 84.50 से 86.50 के व्यापक दायरे में मजबूत रहने वाला है। रिजर्व बैंक अपना भंडार बढ़ाने की कवायद कर सकता है।’
उधर सरकार के बॉन्ड की यील्ड 40 माह के निचले स्तर पर यानी 17 दिसंबर, 2021 के स्तर पर पहुंच गई। डीलरों ने कहा कि रिजर्व बैंक ने दीर्घावधि के हिसाब से व्यवस्था में नकदी डालने की घोषणा की है, जिसका असर पड़ा। बेंचमार्क यील्ड 6.41 प्रतिशत पर बंद हुई, जबकि इसके पहले 6.44 प्रतिशत पर बंद हुई थी।
एक सरकारी बैंक से जुड़े डीलर ने कहा, ‘नकदी डालने में सक्रियता बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है। रिजर्व बैंक वही कर रहा है, जो उसने वादा किया था।’ उन्होंने कहा, ‘हम जून के अंत तक 6.25 प्रतिशत (बेंचमार्क बॉन्ड पर यील्ड) के अनुमान पर कायम हैं।’
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 40,000 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने के लिए 17 अप्रैल को ओपन मार्केट ऑपरेशन (ओएमए) संचालित करने की घोषणा की थी। यह पहले घोषित 80,000 करोड़ रुपये के एमओएम प्रोग्राम के अतिरिक्त है।