नवंबर में रुपये की वास्तविक प्रभावी विनिमय दर (आरईईआर) 0.9 फीसदी बढ़कर 108.14 हो गई है, जो अक्टूबर में 107.20 थी।
भारतीय रिजर्व बैंक के कर्मचारियों द्वारा लिखित ‘वास्तविक प्रभावी विनिमय दर और भारत के व्यापार संतुलन पर इसका असर’ नामक रिपोर्ट के अनुसार नॉमिनल बढ़त इतना अधिक था कि इससे प्रतिकूल मूल्य अंतर का असर खत्म हो गया।
आरईईआर किसी मुद्रा के उसके व्यापारिक साझेदारों के मुकाबले मुद्रास्फीति-समायोजित, व्यापार-भारित औसत मूल्य को दर्शाता है और इसे अक्सर बाह्य प्रतिस्पर्धात्मकता के संकेतक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा धन की निकासी, डॉलर की मजबूती और अमेरिकी यील्ड बढ़ने के कारण नवंबर में उभरते बाजारों की मुद्राओं पर दबाव रहा। मासिक आधार पर डॉलर के मुकाबले रुपया 0.4 फीसदी गिरा है, जो अन्य मुद्राओं में आई गिरावट की तुलना में कम है। अनिश्चितताओं के बावजूद प्रमुख मुद्राओं की तुलना में रुपये में उतार-चढ़ाव सबसे कम रहा है।