वाणिज्य विभाग ने शुक्रवार को कहा कि आसियान भारत वस्तु व्यापार समझौते (एआईटीआईजीए) की समीक्षा हमारी उच्च प्राथमिकता में शामिल है, जिससे यह समझौता उपयोगर्ताओं के अनुकूल, सरल और कारोबार के हिसाब सुविधाजनक बन सके।
भारत और 10 सदस्यों वाले एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) के मंत्री लाओस में बैठक कर रहे हैं, जिसमें दोनों पक्षों के बीच व्यापार समझौते में प्रगति की समीक्षा की जानी है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 20-21 सितंबर को दक्षिण पूर्व एशियाई देश की यात्रा पर हैं।
इस मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि भारत व्यापार समझौते की समीक्षा को लेकर तेजी से निष्कर्ष पर पहुंचने पर जोर दे रहा है। उपरोक्त उल्लिखित एक व्यक्ति ने बताया कि भारत इस समय इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे आसियान देशों में ज्यादा उत्पादों के लिए पहुंच की वकालत कर रहा है, जिससे यह सौदा ज्यादा संतुलित हो सके।
गोयल ने एक्स पर कहा, ‘21वीं आसियान-भारत आर्थिक मंत्रियों की बैठक के दौरान अलग से आसियान-भारत व्यापार परिषद (एआईबीसी) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इसमें भारत और आसियान देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने तथा विकास और सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर चर्चा की गई।’
गोयल ने एक्स पर कहा, ‘बैठक (आसियान-भारत आर्थिक मंत्रियों की बैठक) आसियान भारत वस्तु व्यापार समझौते की समीक्षा में हुई प्रगति पर विचार किया गया, जिससे इन पक्षों के बीच व्यापार और आर्थिक संबंध मजबूत होंगे और व्यापार के नए अवसर पैदा होंगे। इसमें दोतरफा व्यापार के महत्त्व पर बल दिया गया। इससे दोनों क्षेत्रों के बीच आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती और जीवीसी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त होगा। इससे पूरे क्षेत्र के कारोबार को लाभ मिलेगा।’
आसियान में ब्रुनेई, दारुस्सलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। भारत आसियान समझौता जनवरी 2010 में लागू हुआ था।
अगस्त 2023 में दोनों पक्षों ने 2025 तक दोनों क्षेत्रों के बीच वस्तुओं के संबंध में मौजूदा समझौते की समीक्षा पूरी करने के लक्ष्य की घोषणा की थी। गोयल 12वीं पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के आर्थिक मंत्रियों की बैठक (ईएएस-ईएमएम) में भी भाग लेंगे।
आसियान की अपने साझेदारों के साथ वार्षिक बैठकें इस वर्ष लाओस द्वारा आयोजित की जा रही हैं, जो 2024 के लिए आसियान का अध्यक्ष है। मंत्री क्षेत्रीय और वैश्विक आर्थिक विकास पर विचार-विमर्श करेंगे। इस दौरान गोयल इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे देशों के मंत्रियों के साथ अलग से भी बैठकें करेंगे।