फरवरी में खुदरा महंगाई दर मामूली कमी के बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सहज स्तर 6 फीसदी से ऊपर बनी रही। यह लगातार दूसरा महीना है, जब इसका आंकड़ा 6 फीसदी के ऊपर रहा। विश्लेषकों को लग रहा है कि महंगाई दर का स्तर देखते हुए मौद्रिक नीति समिति अप्रैल की अपनी बैठक में रीपो दर 25 आधार अंक बढ़ा सकती है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा आज जारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में मामूली घटकर 6.44 फीसदी रही, जो जनवरी में 6.52 फीसदी थी। इस दौरान मांस, मछली, अंडे, दाल और ईंधन एवं बिजली की कीमतों में थोड़ी कमी आई है।
मगर अनाज, दूध, फलों तथा आवास की कीमतें अब भी बढ़ रही हैं। खाने-पीने की चीजों की महंगाई फरवरी में कम होकर 5.95 फीसदी रही, जो जनवरी में 6 फीसदी थी। मुख्य मुद्रास्फीति, जिसमें खाद्य एवं ईंधन के दाम शामिल होते हैं, 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि गर्मी का पारा चढ़ने से गेहूं की पैदावार पर असर पड़ सकता है, जिससे उत्पादन में कमी आ सकती है और मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।
इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि लू, अल नीनो के उभरने की आशंका और मॉनसून पर उसका असर अगली कुछ तिमाहियों में खाद्य मुद्रास्फीति के लिहाज से अहम हो सकता है।
जनवरी 2022 के बाद 14 में से 12 महीने में खुदरा मुद्रास्फीति RBI के सहज दायरे से अधिक रही है। फरवरी में मुद्रास्फीति का 6 फीसदी से ऊपर रहना हैरान करता है क्योंकि RBI ने अपनी पिछली बैठक में जनवरी-मार्च तिमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 20 आधार अंक कम कर 5.7 फीसदी कर दिया था।
मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए मौद्रिक नीति समिति अभी तक रीपो दर में 250 आधार अंक की बढ़ोतरी कर चुकी है। उसके अड़ियल रुख को खत्म करने और महंगाई को निचले स्तर पर लाने के लिए मौद्रिक नीति के तहत नपी-तुली कार्रवाई की जरूरत है ताकि मध्यम अवधि में वृद्धि की संभावनाओं को मजबूती मिल सके।
केयर रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति अब भी ऊंची बनी हुई है। ऐसे में अप्रैल में रीपो दर में 25 आधार अंक की और बढ़ोतरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने उम्मीद जताई कि औसत खुदरा मुद्रास्फीति 5.1 फीसदी रह सकती है।
नायर ने भी दर वृद्धि की संभावना पर सहमति जताई। हालाकि उन्होंने उम्मीद जताई कि खाद्य पदार्थों की कीमतों के रुझान और उच्च आधार को देखते हुए मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी आ सकती है।
उन्होंने कहा, ‘लगातार दो महीने खुदरा मुद्रास्फीति 6 फीसदी से ऊपर रही है, जिससे मौद्रिक नीति समिति एक बार और दर में इजाफा कर सकती है। हालांकि पिछली बार की तरह सब इस पर राजी नहीं होंगे। आने वाले हफ्ते में वैश्विक घटनाक्रम भी मौद्रिक नीति समिति के निर्णय को प्रभावित कर सकते हैं।’