सब्जियों के दाम में स्थिरता आने से खुदरा महंगाई दर नवंबर में घटकर 6.93 प्रतिशत पर आ गई, जो तीन माह का निचला स्तर है। हालांकि, यह अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 6 प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।
सरकार द्वारा सोमवार को जारी सीपीआई आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर एक माह पहले अक्टूबर में 7.61 प्रतिशत थी, जो घटकर 6.93 प्रतिशत पर आ गई है।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर घटकर 9.43 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने 11 प्रतिशत पर थी।
ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई ज्यादा रही, जो 9.57 प्रतिशत दर्ज की गई। वहीं शहरों में खाद्य महंगाई 9.1 प्रतिशत रही।
इक्रा रेटिंग में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नैयर ने कहा, ‘नवंबर में खुदरा महंगाई हमारी उम्मीदों से कम रही है। खुदरा स्तर पर सब्जियों के दाम में स्थिरता का लाभ मिला है। यह स्वागतयोग्य राहत की बात है। हालांकि दरें घटाने को लेकर इसका कोई तत्काल प्रभाव नहीं पड़ेगा।’ नवंबर महीने में थोक और खुदरा महंगाई में अंतर बढ़कर 5.5 प्रतिशत हो गया है, जिसे देखते हुए इंडिया रेटिंग में मुख्य अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई 5.5 से 6 प्रतिशत के बीच रह सकती है। बहरहाल उन्होंने कहा कि प्रमुख महंगाई और कोविड से जुड़ी महंगाई का असर प्रमुख महंगाई में बढ़ा हुआ नजर आएगा।
