खाद्य पदार्थों के दाम घटने के कारण खुदरा मुद्रास्फीति भी जनवरी में घटकर 5.10 फीसदी रही, जो तीन महीने में इसका सबसे कम आंकड़ा है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दर दिसंबर में 5.69 फीसदी और पिछले साल जनवरी में 6.52 फीसदी थी।
इसके साथ ही औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) दिसंबर में थोड़ा बढ़कर 3.8 फीसदी रहा, जो नवंबर में 2.4 फीसदी बढ़ा था। विनिर्माण (3.9 फीसदी) क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार आने से औद्योगिक उत्पादन बढ़ा है। मगर दिसंबर के दौरान खनन और बिजली क्षेत्र के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई। दिसंबर 2022 में औद्योगिक उत्पादन 5.1 फीसदी बढ़ा था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार अनाज, दूध और फलों के दाम घटने से खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी आई है। लेकिन सब्जियों, दालों और मसालों के दाम घटने के बावजूद जनवरी में इनकी मुद्रास्फीति दो अंक में बनी रही। केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि दो महीनों की तेजी के बाद जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों के दाम घटना है।
आईआईपी की बात करें तो दिसंबर में 23 विनिर्माण उद्योगों में से केवल 11 के उत्पादन में गिरावट रही। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों के दौरान आईआईपी की कुल 6.1 फीसदी बढ़ोतरी आई, जिससे विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन का पता चलता है। उन्होंने कहा कि आगे की वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए यह रफ्तार कायम रखनी होगी।