प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के अध्यक्ष जी.के. चङ्ढा ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में आगे और कटौती किए जाने का पक्ष लिया है।
ताकि आर्थिक प्रणाली में नकदी का प्रवाह और बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा – यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार को यह करना पड़ेगा यह जानते हुए भी कि इससे महंगाई में बढ़ोतरी हो सकती है।
‘रेपो दर घटाइए तो बनेगी बात’: योजना आयोग ने प्रमुख दर रेपो में कमी का सुझाव दिया है क्योंकि इससे वाणिज्यिक ब्याज दरों में स्वत: ही कमी हो जाएगी। रेपो वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक, वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक पूंजी उपलब्ध कराता है।
आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने कहा- एक मात्र ब्याज दर, जिसे आप बदल सकते हैं, वह रेपो दर है। रेपो दर फिलहाल नौ प्रतिशत है।
फिर सुलगा तेल
अमेरिका एवं यूरोप की आर्थिक सहायता घोषणाओं के बाद एशियाई बाजार में तेल की कीमतें 83 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गईं। न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में लाइट स्वीट कच्चा तेल नवंबर डिलीवरी वाला सौदा 2.38 डॉलर प्रति बैरल बढ़कर 83.57 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
पर रुपये ने लगाया मरहम: बैंकों की ताजा डॉलर बिकवाली से सुबह के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 50 पैसे सुधर 47.75:76 रु. डॉलर हो गया।