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असामान्य उतार-चढ़ाव या अटकलों पर ही हस्तक्षेप करेगा रिजर्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक रुपये को गिरने से नहीं रोक रहा है बल्कि उतार-चढ़ाव को सीमित करने के लिए हस्तक्षेप कर रहा है।

Last Updated- December 05, 2025 | 10:50 AM IST
Reserve Bank of India (RBI)
Representational Image

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में अनिश्चितता और कई चुनौतियों के कारण रुपया दबाव में रहा। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक रुपये को गिरने से नहीं रोक रहा है बल्कि उतार-चढ़ाव को सीमित करने के लिए हस्तक्षेप कर रहा है।

रिजर्व बैंक ने बीते माह डॉलर की आक्रामक रूप से बिक्री की थी लेकिन अब रिजर्व बैंक ने रुपये को नए निचले स्तर 90.42 प्रति डॉलर से नीचे गिरने दिया है। रुपया पहले ही 88.80 के स्तर से नीचे आ चुका है।

उम्मीद यह है कि केंद्रीय बैंक किसी विशिष्ट स्तर का बचाव करने के बजाए कोई तीव्र बदलाव या अटकलों का संकेत होने पर ही कार्रवाई करेगा। बोफा सिक्योरिटीज के मुताबिक ‘रुपये की कमजोरी पर अंकुश लगाने के लिए रिजर्व बैंक के विदेशी मुद्रा अस्थिरता प्रबंधन पर फिर से भरोसा किया जा रहा है।’

रिपोर्ट के अनुसार ‘रिजर्व बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार फिलहाल बड़े मूल्यह्रास के जोखिम को कम करने के लिए पर्याप्त बना हुआ है। हालांकि पोर्टफोलियो से लगातार निकासी इन कार्यों को अस्थिर बना सकती है या रिजर्व बैंक की फॉरवर्ड बुक में अमेरिकी डॉलर की कम पोजीशन बढ़ने से रुपये पर रिटर्न की उम्मीदें कम हो सकती हैं।’

First Published - December 5, 2025 | 10:50 AM IST

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