RBI MPC Meeting When and Where to Watch Live Streaming: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आज यानी 9 अप्रैल को वित्त वर्ष 2025-26 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करेगी। यह बैठक चालू वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) की पहली समीक्षा बैठक है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा आज MPC बैठक के नतीजों का ऐलान करेंगे। यह अप्रैल बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका में टैरिफ बढ़ोतरी के चलते वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ गया है और इससे वैश्विक मंदी की आशंका भी गहराई है। बता दें कि फरवरी में, RBI ने रीपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी, जिससे यह घटकर 6.25% हो गया था।
RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 7 अप्रैल से 9 अप्रैल 2025 तक आयोजित की गई थी। आज 9 अप्रैल को बैठक का आखिरी दिन है और इसके नतीजे आज सुबह 10 बजे RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा घोषित किए जाएंगे। आप यह लाइव टेलीकास्ट RBI के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं। इसके अलावा, गवर्नर संजय मल्होत्रा मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद दोपहर 12 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का सीधा प्रसारण भी RBI के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा। यह बैठक बेहद अहम है क्योंकि इसके जरिए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए RBI की मौद्रिक नीति की दिशा तय होगी।
Also read: RBI MPC Meeting LIVE Updates
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) से उम्मीद की जा रही है कि वह घटती महंगाई और धीमी होती आर्थिक वृद्धि को देखते हुए रीपो रेट (Repo Rate) में कटौती कर सकती है। ज्यादातर अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इस बैठक में RBI रीपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है। इसके अलावा, केंद्रीय बैंक की नीति के रुख को ‘न्यूट्रल’ से बदलकर ‘उदारवादी’ (Accommodative) किया जा सकता है, यानी भविष्य में दरों में और कटौती की संभावना को खुला रखा जा सकता है। इस दौरान RBI गवर्नर द्वारा घरेलू आर्थिक हालात और वैश्विक जोखिमों के बीच दिए गए आकलन और टिप्पणियों पर बाजार की खास नजर रहेगी।
महंगाई दर काबू में- नुवामा
ब्रोकरेज हाउस नुवामा ने कहा, “हमें उम्मीद है कि आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में MPC रीपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकती है और मौद्रिक रुख को “तटस्थ” (neutral) से बदलकर “अनुकूल” (accommodative) कर सकती है।” नुवामा ने रिपोर्ट में आगे कहा कि फरवरी 2025 में हेडलाइन महंगाई दर सालाना आधार पर 3.6% रही, जो कि लक्षित स्तर से नीचे है—इससे RBI को दरों में कटौती के लिए पर्याप्त गुंजाइश मिलती है। साथ ही, G7 देशों में बॉन्ड यील्ड्स में नरमी से भी नीति निर्माताओं को अतिरिक्त सहारा मिलेगा।