RBI MPC Meeting 2024: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) आज, 8 अगस्त को ब्याज दरों पर अपना फैसला सुनाएगी।
गौरतलब है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक का आज, 8 अगस्त को अंतिम दिन है। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास आज सुबह 10 बजे बैठक के बारे में बयान जारी करेंगे। इसके बाद, वे दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठक के फैसलों की जानकारी देंगे।
रॉयटर्स के सर्वे के अनुसार, भारतीय रुपये का दृष्टिकोण पिछले महीने से लगभग अपरिवर्तित रहा है। इसका कारण यह है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय मुद्रा को एक सीमित दायरे में रखने की कोशिश की है।
मंगलवार (6 अगस्त) को जापान के कैरी ट्रेड में अचानक लिक्विडेशन से उत्पन्न हलचल के बाद वैश्विक बाजारों में बड़ी गिरावट आई, जिसने रुपये को 83.96 प्रति डॉलर के अब तक के सबसे निचले स्तर पर धकेल दिया।
पिछली बैठक में क्या हुआ था ऐलान?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने जून की बैठक में लगातार आठवीं बार रीपो दर (Repo Rate) और अपनी नीति में कोई बदलाव नहीं किया था। लेकिन, उसने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान थोड़ा बढ़ाया था।
आखिरी बार कब हुआ था बदलाव?
गौरतलब है कि आरबीआई (RBI) ने मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रीपो रेट को 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। इसके बाद, एमपीसी ने अपनी पिछली आठ मौद्रिक नीति बैठकों में ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने कहा, ‘खाद्य महंगाई के जोखिम को देखते हुए नीति का रुख सतर्क रहेगा। गर्मियों के दौरान लू चलने और जून में मॉनसून के धीमे होने जैसे प्रतिकूल मौसम के कारण खाद्य महंगाई बढ़ने का दबाव बना हुआ है। रोजाना खाने-पीने की चीजों की कीमतों से पता चलता है कि जुलाई में रिटेल कीमतें ऊंची रही हैं और सब्जियों जैसे जल्दी खराब होने वाले उत्पादों की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।’
उन्होंने कहा, ‘अच्छी बात यह है कि मुख्य मुद्रास्फीति ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर है, जिससे यह संकेत मिलता है कि सामान्य तौर पर कीमतों का ज्यादा दबाव नहीं है। आर्थिक वृद्धि भी मजबूत बनी हुई है, इसलिए मौद्रिक नीति में खुदरा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत के लक्ष्य के करीब बनाए रखने पर ध्यान दिया जाएगा।’