भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लगातार चौथी बार रीपो दर को 6.5 फीसदी पर आज बरकरार रखा। खुदरा मुद्रास्फीति के अब भी लक्ष्य से ऊंचा रहने के बीच केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है। इसके साथ ही आरबीआई ने महंगाई को लक्ष्य के दायरे में लाने के लिए जरूरी होने पर बॉन्ड बिक्री के जरिये बैंकों से अतिरिक्त नकदी निकालने की भी बात कही है। आरबीआई ने मुद्रास्फीति के अनुमान और सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान में भी कोई बदलाव नहीं किया है।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में किए गए निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘एमपीसी के सभी 6 सदस्यों ने परिस्थितियों पर गौर करने के बाद आम सहमति से रीपो दर को 6.5 फीसदी पर कायम रखने का फैसला किया। साथ ही एमपीसी उदार रुख को वापस लेने के लिए काम करती रहेगी।’
दास ने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति वृहद आर्थिक स्थिरता और आर्थिक वृद्धि के लिए बड़ा जोखिम है। उन्होंने कहा, ‘हमारा पूरा ध्यान टिकाऊ आधार पर मुद्रास्फीति को 4 फीसदी के लक्ष्य पर लाना है।’ उन्होंने कहा कि हमने पूर्व में रीपो दर में जो 2.5 फीसदी की कटौती की है, उसका पूरा असर अभी नहीं हुआ है। इसको देखते हुए एमपीसी ने रीपो दर को यथावत रखते हुए उदार रुख को वापस लेने के रास्ते पर बने रहने का निर्णय किया है।
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मुद्रास्फीति में तेजी के बावजूद चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.4 फीसदी पर बरकरार रखा है। खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त महीने में सालाना आधार पर नरम होकर 6.83 फीसदी रही, जो जुलाई में 15 माह के उच्चस्तर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई थी। महंगाई का यह आंकड़ा आरबीआई के मुद्रास्फीति के 4 फीसदी के लक्ष्य से अधिक है।
केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान को भी 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई है। भारत दुनिया के लिए वृद्धि का इंजन बनने की ओर अग्रसर है।
दास ने यह भी कहा कि महंगाई को काबू में लाने के लिए जरूरी होने पर आरबीआई बैंकों से अतिरिक्त नकदी निकालने को बॉन्ड बिक्री पर विचार कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘बॉन्ड बिक्री का समय और मात्रा उभरती नकदी स्थिति पर निर्भर करेगी।’ उन्होंने कहा, ‘इस समय जरूरत सतर्क रहने की है और आत्मसंतुष्टि की कोई गुंजाइश नहीं है।’
उन्होंने कहा कि सब्जियों खासकर टमाटर के दाम में कमी तथा रसोई गैस सिलिंडर की कीमतों में कटौती से निकट भविष्य में महंगाई के नरम होने की उम्मीद है। दास ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के चालू तिमाही में घटकर 6 फीसदी से नीचे और अगली तिमाही में 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है।
आरबीआई ने इसके अलावा कुछ अन्य उपायों की घोषणा की। इसमें शहरी सहकारी बैंकों के लिए ‘बुलेट’ पुनर्भुगतान योजना के तहत सोने के बदले कर्ज (गोल्ड लोन) को दोगुना कर 4 लाख रुपये करना शामिल है।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्र ने कहा कि महामारी से जुड़ी बंदिशें हटने के बाद लोगों के खर्च करने और अधिक आवास ऋण लेने से परिवारों की बचत दर पिछले वित्त वर्ष में घटकर 5 दशक के निचले स्तर पर आ गई। वित्त वर्ष 2022-23 में परिवारों की शुद्ध वित्तीय बचत गिरकर जीडीपी का 5.1 फीसदी रही।
इस गिरावट के पीछे देनदारियों में बढ़ोतरी प्रमुख वजह रही जिसमें बड़ी हिस्सेदारी आवास ऋण की है। हालांकि यह घरेलू बचत दर के रुझान के अनुरूप ही है। मौजूदा मूल्य पर बचत दर 14 फीसदी रही है।