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RBI MPC MEET: आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5% पर रखा बरकरार, CRR को घटाकर 4% किया

समिति के छह में से चार सदस्यों ने नीतिगत दर को स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया जबकि दो इसमें बदलाव किए जाने के पक्ष में थे।

Last Updated- December 06, 2024 | 10:56 AM IST
Reserve Bank of India

RBI MPC MEET: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पांचवीं द्विमासिक मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में लगातार 11वीं बार नीतिगत दर रेपो (Repo) में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। हालांकि अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने के मकसद से केंद्रीय बैंक ने सीआरआर (कैश रिजर्व रेश्यो) को 4.5 प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत कर दिया। इस कदम से बैंकों में 1.16 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।

 जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाया

सीआरआर के तहत कमर्शियल बैंकों को अपनी जमा का एक निर्धारित हिस्सा कैश रिजर्व के रूप में केंद्रीय बैंक के पास रखना होता है। इसके साथ ही आरबीआई ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में रिटेल इन्फ्लेशन के अनुमान को भी 4.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बुधवार को शुरू हुई तीन दिवसीय बैठक में लिए गए इन निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एमपीसी ने नीतिगत रेपो दर को यथावत रखने का निर्णय किया है। समिति के छह में से चार सदस्यों ने नीतिगत दर को स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया जबकि दो इसमें बदलाव किए जाने के पक्ष में थे। इसके साथ ही एमपीसी ने अपने रुख को ‘तटस्थ’ बनाये रखने का निर्णय लिया है।

क्या होती है रेपो रेट (What is repo rate)

रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर कमर्शियल बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इस दर का उपयोग करता है। रेपो दर के यथावत रहने का मतलब है कि मकान, व्हीकल समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (EMI) में बदलाव की संभावना कम है।

First Published - December 6, 2024 | 10:51 AM IST

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