बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार का जोर देखते हुए भारतीय रेलवे विकास और खरीद पर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने की योजना बना रहा है। भारतीय रेल अगले तीन वित्त वर्ष में 90,000 डिब्बे खरीदेगी, जिसके लिए निविदा जारी करने की प्रक्रिया 16 मार्च से शुरू की जाएगी। डिब्बों की खरीद में 31,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हर साल हम कमोबेश 30,000 डिब्बों की खरीद करते हैं और तीन साल में यह संख्या करीब 90,000 होगी।’ इनमें 32,300 खुले डिब्बे, सीमेंट परिवहन में इस्तेमाल होने वाले 39,000 डिब्बे, स्टील पाइप की ढुलाई करने वाले 7,500 डिब्बे और कोयला ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले 3,000 तथा लौह अयस्क ढुलाई में प्रयोग होने वाले 8,000 डिब्बे खरीदने की योजना है।
डिब्बों के मासिक विनिर्माण के आंकड़ों से पता चलता है कि रेल विभाग चालू वित्त वर्ष में जनवरी तक 7,000 से ज्यादा डिब्बों की खरीद कर चुका है। अधिकारी ने कहा कि ज्यादा संख्या में डिब्बों की खरीद इसलिए की जा रही है क्योंकि रेलवे को आगे माल ढुलाई की मांग बढऩे की उम्मीद है।
2022-23 के बजट में रेल मंत्रालय को 1.40 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले साल के बजट अनुमान से 27.5 फीसदी और संशोधित बजट अनुमान से 16.5 फीसदी अधिक है। अगले वित्त वर्ष में रेलवे ने 2.46 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय का अनुमान लगाया है। 2022-23 में अर्थव्यवस्था के विकास के लिए सरकार की योजना में रेलवे के बुनियादी ढांचा को बढ़ावा देना प्रमुख है।
रेल मंत्रालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हम 200 वंदे भारत रेल गाडिय़ां खरीदने में भी 25,000 करोड़ रुपये खर्च करेंगे।’ रेलवे ने अब तक 44 वंदे भारत रेल गाडिय़ों का ठेका दिया है और 58 के लिए बोली की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि सरकार का मकसद अगले वित्त वर्ष में नई पीढ़ी की कम लागत वाली 400 ट्रेन शुरू करने का है।
रेलवे देश भर में 75 स्टेशनों के विकास पर भी करीब 30,000 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इसके अलावा मंत्रालय ने स्वदेशी कचव सुरक्षा तंत्र लगाने पर 1,000 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान लगाया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में इस सुरक्षा प्रणाली का परीक्षण किया था। इसमें इंजन, सिग्नल प्रणाली और पटरियों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन उपकरण (आरएफआईडी) का उपयोग किया जाता है, जिससे रेलगाडिय़ों को आपस में टकराने की आशंका को दूर करने में मदद मिलती है। रेल मंत्रालय का लक्ष्य 2,000 किलोमीटर रेल नेटवर्क पर इस प्रणाली को लगाने का है। अधिकारी ने कहा कि इस पर अप्रैल से ही पूंजीगत व्यय शुरू हो जाएगा। मंत्रालय अगले वित्त वर्ष में माल ढुलाई की मांग बढऩे की उम्मीद कर रहा है। स्वयं डिब्बे बनाने के साथ ही मंत्रालय ने 15 फरवरी को निजी रेल डिब्बा विनिर्माताओं को क्षमता का अधिक उपयोग करने को कहा था।
