बुनियादी ढांचा क्षेत्र से जुड़े सभी मंत्रालयों और विभागों द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद उद्योग विभाग अब प्रधानमंत्री की गतिशक्ति नैशनल मास्टर प्लान का विस्तार सभी राज्य सरकारों तक करना चाहता है।
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) में विशेष सचिव सुमित द्वारा ने सोमवार को कहा कि इसका विस्तार सभी आगामी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं तक करने की योजना है। बुनियादी ढांचा परियोजनाओं तक प्रसार के अलावा राज्यों से कहा गया है कि वे अहम बुनियादी ढांचा के अंतर को चिह्नित करें। इसके लिए DPIIT कार्यशालाओं का भी आयोजन कर रहा है, जिससे कि पीएम गतिशक्ति की व्यापक स्वीकार्यता हो सके।
अब तक 30 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के साथ 4 क्षेत्रीय कार्यशालाओं का आयोजन हो चुका है। पांचवी कार्यशाला वाराणसी में 11-12 अप्रैल को प्रस्तावित है।
द्वारा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, ‘कार्यशालाओं में मुख्य ध्यान पीएम गतिशक्ति एनएमपी की स्वीकार्यता के बारे में बताने पर है। इसमें आंकड़ों की गुणवत्ता बनाए रखने, आर्थिक क्लस्टर से मल्टी मोडल कनेक्टिविटी बनाने, स्कूलों तक पहुंच, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, के अलावा कुशल लॉजिस्टिक्स माहौल बनाने पर विशेष जोर है।’
करीब डेढ़ साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गतिशक्ति नैशनल मास्टर प्लान की घोषणा की थी। यह एकीकृत डिजिटल प्लान है, जिससे आर्थिक क्षेत्रों और मल्टीमोडल कनेक्टिविटी संबंधी बुनियादी ढांचे को जोड़ा जाना है।
इसका मकसद विभिन्न मंत्रालयों व केंद्र के कामों और राज्य सरकारों के विभागों का एकीकरण करना और ऐसे क्षेत्रों में कनेक्टिविटी की कमी को दूर करना है।