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प्रधानमंत्री का बैंकों से एमएसएमई व स्टार्टअप को कर्ज देने का अनुरोध

Last Updated- December 12, 2022 | 7:42 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बैंकों से कहा कि वे स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) को कर्ज मुहैया कराएं, जो कोविड-19 महामारी की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
वित्तीय सेवाओं के लिए बजट की घोषणाएं प्रभावी तरीके से लागू करने को लेकर आयोजित एक वेबिनॉर को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, इसके साथ ही कर्ज का प्रवाह भी बराबर महत्त्वपूर्ण है। आपको देखना होगा कि कर्ज नए क्षेत्रों, नए उद्यमियों तक किस तरह से पहुंचेगा।’ उन्होंने कहा, ‘एमएसएमई और स्टार्टअप को समर्थन देना और उन तक कर्ज का विस्तार करना जरूरी है।’
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता वित्तीय क्षेत्र को पारदर्शी बनाने की है, जिससे जमाकर्ता और निवेशक उस पर भरोसा कर सकें। उन्होंने कहा, ‘बैंकिंग और गैर बैंकिंग क्षेत्र के पुराने तरीके और पुरानी व्यवस्था बदल रही है।’ सरकार ने देश को गैर पारदर्शी कर्ज व्यवस्था से मुक्त करने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आक्रामक तरीके से कर्ज बांटने की नीति से 12 साल पहले बैंकिंग क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ था। उन्होंने कहा कि अब गैर निष्पादित संपत्तियों को कालीन के नीचे दबाने की जगह एक दिन की चूक की भी रिपोर्ट करना अनिवार्य कर दिया गया है। मोदी ने कहा कि सरकार बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करने और बैंकिंग सुधारों को लेकर प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय बजट में भी वित्तीय क्षेत्र को मजबूत करने के साथ निजी उद्यमों की हिस्सेदारी बढ़ाने और सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं को  मजबूत करने का खाका पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि नई सार्वजनिक उद्यम नीति में वित्तीय क्षेत्र शामिल है और बैंकिंग और बीमा क्षेत्र में बहुत क्षमता है।
उन्होंने कहा कि जहां तक संभव है, निजी उद्यमों को प्रोत्साहित किया जा रहा है और बैंकिंग व बीमा क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की प्रभावी हिस्सेदारी अभी भी अहम है। मोदी ने कहा कि सरकारी बैंकों को मजबूत करने के लिए इक्विटी पूंजी डालने पर ध्यान दिया गया है। सरकार ने चालू और अगले वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये डालने के लिए आवंटन किया है।
मोदी ने यह भी कहा कि बैंकों के एनपीए को पटरी पर लान के लिए नई संपत्ति पुनर्गठन कंपनी बनाई जा रही है, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक मजबूत होंगे।

First Published - February 26, 2021 | 11:46 PM IST

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