केंद्र सरकार विदेशी निवेशकों और सरकार के बीच वाणिज्यिक ठेकों, खासकर सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए विशेष विवाद समाधान व्यवस्था कर सकती है। इस मामले से जुड़े दो अधिकारियों के मुताबिक केंद्र व राज्य सरकारों के स्तर पर विभिन्न घरेलू मसलों के समाधान के लिए एक सलाहकार समिति बनाने और मध्यस्थ नियुक्त करने की योजना है।
विदेशी निवेशकों द्वारा भारत में मिलने वाले ठेके की लागत और समय को लेकर उठाई गई चिंता के बाद इस कदम पर विचार किया जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के बुनियादी ढांचा के ठेके प्राय: विभिन्न स्तर पर सरकार के हस्तक्षेपों के कारण अटके होते हैं, यहां तक कि मंजूर किए गए मामलों में भी दिक्कतें आती हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वर्चुअल बैठक में वैश्विक निवेशकों ने ठेकों को लागू करने में आने वाली चुनौतियों का मसला उठाया था।
एक अधिकारी ने कहा कि सकार विदेशी ठेकों को लागू करने के मामलों में कानूनी बदलाव कर रही है, लेकिन कुछ बाधाएं बनी हुई हैं। अब कानून मंत्रालय उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के साथ बातचीत कर रहा है, जिससे एक या ज्यादा सिविल न्यायालय को विशेष न्यायालय के रूप में चिह्नित किया जा सके, जिससे प्रक्रिया तेज हो सके।
विशेषज्ञों का माना है कि अलग व्यवस्था जरूरी है क्योंकि मौजूदा वाणिज्यिक न्यायालय अब तक पूरी तरह परिचालन में नहीं हैं। खेतान ऐंड कंपनी में पार्टनर अतुल पांडेय ने कहा, ‘महामारी की वजह से वाणिज्यिक न्यायालयों का कामकाज प्रभावित हुआ है। इसकी वजह से मामलों की सुनवाई कम हो गई है क्योंकि भारत में न्यायालयों ने भौतिक सुनवाई स्थगित कर दी है जिससे कोरोनावायरस के प्रसार का जोखिम कम किया जा सके।’
विदेशी निवेशकों को अक्सर राज्य सरकारों के ठेके की शर्तों में संशोधन या जमीन अधिग्रहण और राजस्व साझा करने के आधार पर उन्हें खत्म करने जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। इस तरह के हस्तक्षेपों से संस्थागत पंचाट प्रक्रिया सामने आती है।
उपरोकक्त उल्लिखित एक अधिकारी के मुताबिक दरअसल हाल में पेश किए गए मध्यस्थता और सुलह अधिनियम (संशोधन) अध्यादेश, 2020 से पंचाट के आदेश को लागू करने को लेकर जटिलता का एक और स्तर जुड़ सकता है। इससे पंचाट के फैसलों को लागू करने में बगैर किसी शर्त स्थगनादेश लग सकता है, जहां धोखाधड़ी या भ्रष्टाचार की वजह से पंचाट का फैसला आया है। अधिकारी ने कहा कि इसकी वजह से निवेशकों की समस्या और बढ़ सकती है।
सरकार ने विशेष राहत अधिनियम मेंं 2018 में बदलाव किया था, जिसकी वजह से ठेकों को लागू करना अनिवार्य कर दिया गया है और यह विवेकाधीन नहीं है। इस साल की शुरुआत में वित्त मंत्रालय ने उच्च न्यायालयों में विशेष पंचाट बनाने का मसौदा प्रस्ताव तैयार किया था, जिससे कि इन मामलों में प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई हो सके।
एक विशेषज्ञ ने कहा कि घरेलू निजी निवेश सुस्त बना हुआ है, ऐसे में यह अहम है कि इन क्षेत्रों में काम किया जाए, जिससे कि लंबित याचिकाएं घट सकें। भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश महामारी के दौरान 20 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
प्रौद्योगिकी शिखर बैठक का उद्घाटन करेंगे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को कर्नाटक के प्रमुख वार्षिक प्रौद्योगिकी सम्मेलन बेंगलुरु प्रौद्योगिकी शिखर बैठक-2020 का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उद्घाटन करेंगे। यह सम्मेलन 19 से 21 तक आयोजित किया जा रहा है।
इस शिखर सम्मेलन का आयोजन कर्नाटक सरकार द्वारा कर्नाटक नवोन्मेषण एवं प्रौद्योगिकी सोसायटी तथा सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पाक्र्स ऑफ इंडिया के सहयोग से किया जा रहा है। बीटीएस 2020 के केंद्र का दौरा करने के बाद उप मुख्यमंत्री सीएन अश्वत नारायण ने कहा, ‘हमने बीटीएस को सफल बनाने के लिए पर्याप्त प्रबंध किए हैं। यह आयोजन पूरी तरह वर्चुअल होगा। इस वर्चुअल आयोजन को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन तथा स्विट्जरलैंड के उपराष्ट्रपति गाय परमेलिन भी संबोधित करेंगे। इस आयोजन के 23वें संस्करण में करीब 25 देश भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम में 200 से ज्यादा भारतीय कंपनियां भाग ले रही हैं, जिन्होंने अपनी वर्चुअल प्रदर्शनी लगाई है। इसमें 4,000 से अधिक प्रतिनिधि, 270 वक्ता हिस्सा लेंगे। भाषा