facebookmetapixel
नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल का पड़ोसी दरभंगा पर कोई प्रभाव नहीं, जनता ने हालात से किया समझौताEditorial: ORS लेबल पर प्रतिबंध के बाद अन्य उत्पादों पर भी पुनर्विचार होना चाहिएनियामकीय व्यवस्था में खामियां: भारत को शक्तियों का पृथक्करण बहाल करना होगाबिहार: PM मोदी ने पेश की सुशासन की तस्वीर, लालटेन के माध्यम से विपक्षी राजद पर कसा तंज80 ही क्यों, 180 साल क्यों न जीएं, अधिकांश समस्याएं हमारे कम मानव जीवनकाल के कारण: दीपिंदर गोयलभारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर दिया जोरपीयूष पांडे: वह महान प्रतिभा जिसके लिए विज्ञापन का मतलब था जादूभारत पश्चिम एशिया से कच्चा तेल खरीद बढ़ाएगा, इराक, सऊदी अरब और UAE से तेल मंगाकर होगी भरपाईBlackstone 6,196.51 करोड़ रुपये के निवेश से फेडरल बैंक में 9.99 फीसदी खरीदेगी हिस्सेदारीवित्त मंत्रालय 4 नवंबर को बुलाएगा उच्चस्तरीय बैठक, IIBX के माध्यम से सोने-चांदी में व्यापार बढ़ाने पर विचार

G20 कार्यसमूह की बैठक में बिजली कंपनियों का दांव कोयले पर रहा

Last Updated- May 15, 2023 | 11:20 PM IST
कोल इंडिया

जी 20 के ‘एनर्जी ट्रांजिशन वर्किंग ग्रुप’ की तीसरी बैठक में सोमवार को भारत के नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ने के रास्ते पर विचार विमर्श हुआ। यह कोयला व बिजली मंत्रालय के नेतृत्व में हुआ। बैठक में विषय ‘जस्ट ट्रांजिशन’ के दौरान राष्ट्रीय स्तर की नामचीन कोयला कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और सबसे बड़े बिजली उत्पादक एनटीपीसी ने कहा कि देश में कोयले की खपत एक रात में कम नहीं की जा सकती है। देश की अर्थव्यवस्था पर ध्यान सबसे पहले ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

देश के बिजली सचिव आलोक कुमार ने कहा कि भारत उत्सर्जन कम करने के मानकों के करीब है। देश मानकों के मामले में सात साल आगे है। देश के नवीकरणीय ऊर्जा का दौर तेजी से तय करने से ऊर्जा सुरक्षा भी मजबूत होगी। कुमार ने कहा, ‘हम दीर्घावधि में तेल और पेट्रोलियम पर अपनी निर्भरता कम करेंगे। आने वाले वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा सस्ता होगी जबकि जीवाश्म ईंधन की लागत अधिक होगी। यदि हमने सही ढंग से बिजली का मिश्रण किया तो आम लोगों के लिए बिजली सस्ती होगी।

इससे जीवाश्म ईंधन के आयात में कमी आएगी और यह ऊर्जा सुरक्षा लाएगी।’ बिजली सचिव ने कहा, ‘जब तक ऊर्जा के भंडारण की लागत कम नहीं आएगी, तब तक भारत कोयले पर आश्रित रहेगा। हमारे बिजली उत्पादन में कोयले की हिस्सेदारी निरंतर गिरती जाएगी लेकिन यह आर्थिक विकास की कीमत पर नहीं होगा। हो सकता है कि उत्सर्जन बढ़े लेकिन नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ने के प्रयास भी बढ़ेगे।’

सीआईएल के चेयरमैन व प्रंबध निदेशक प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि सीआईएल के स्तर पर चुनौतियां सर्वाधिक जटिल होंगी। उन्होंने कहा कि एनर्जी हस्तांतरण का एक प्रमुख तरीका खानों का बंद करना है लेकिन खानों के बंद करने का संबंधित राज्यों पर अत्यधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

First Published - May 15, 2023 | 11:20 PM IST

संबंधित पोस्ट