देश की अर्थव्यवस्था के लगातार सामान्य स्थिति की ओर लौटने के क्रम के बीच, बिजली उत्पादन के साथ ही प्रदूषण के स्तर ने हालिया सप्ताह के दौरान थोड़ी नरमी दिखाई।
बिज़नेस स्टैंडर्ड प्रदूषण स्तर, भारतीय रेलवे द्वारा ले जाने वाले सामान, बिजली उत्पादन और विभिन्न श्रेणियों में होने वाले यातायात पर नजर रख रहा है। छोटे छोटे क्षेत्रों से जुड़े संकेतक अर्थव्यवस्था की स्थिति की बेहतर तस्वीर पेश करते हैं क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) तथा आईआईपी संकेतक आदि कुछ महीनों के बाद सामने आते हैं। कोविड-19 महामारी से जूझ रहे देशों में जमीनी स्थिति पर हो रहे बदलावों को देखने के लिए भी वैश्विक विश्लेषक इन्हीं संकेतकों पर नजर रख रहे हैं। रविवार 10 जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह के लिए बिजली उत्पादन में सालाना आधार पर लाभ पिछले सप्ताह के 4.7 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 2.9 प्रतिशत रह गया। ऊर्जा उत्पादन लॉकडाउन के दौरान अपनी अधिकतम सीमा से लगभग 30 प्रतिशत नीचे रहा। ऊंचाई के दौरान बिजली उत्पादन लगभग 30 प्रतिशत तक डूब गया था। हालांकि इसमें जुलाई के बाद से लगातार सुधार दिख रहा है, जिसने जुलाई माह में पिछले साल के स्तर को पार कर लिया था।
नाइट्रोजन डाइऑक्साइड औद्योगिक गतिविधियों एवं वाहनों से आता है। रविवार 10 जनवरी को समाप्त होने वाले सप्ताह के दौरान दिल्ली में प्रदूषक का उत्सर्जन पिछले वर्ष की तुलना में 18.2 प्रतिशत कम रहा। बांद्रा इलाके के आंकड़ों के आधार पर मुंबई का उत्सर्जन 97 फीसदी कम है। लॉकडाउन से पहले मार्च में मुंबई का स्तर दोगुना या 2019 के स्तर से अधिक था।
नई दिल्ली में सोमवार सुबह (11 जनवरी) को यातायात-भीड़भाड़ साल 2019 की समान अवधि की तुलना में 46 फीसदी कम रहा। मुंबई में यह 44 फीसदी कम था। यह पिछले सप्ताह में समान समय के लिए देखे गए आंकड़ों के अनुरूप है। ये आंकड़े सुबह 9 बजे के हैं और ग्लोबल लोकेशन टेक्नॉलॉजी फर्म टॉमटॉम इंटरनैशनल द्वारा जारी आंकड़ों पर आधारित हैं। भारतीय रेलवे द्वारा अधिक माल-भाड़े का परिवहन किया है लेकिन कमाई में गिरावट देखी गई। सालाना आधार पर माल ढुलाई 8.08 फीसदी से बढ़कर 11.08 फीसदी हो गई, जो रविवार 10 जनवरी को समाप्त होने वाले सात दिनों के आंकड़े थे। हालांकि इस अवधि में सालाना आधार पर कमाई 7.62 फीसदी से घटकर 5.57 फीसदी हो गई।
सर्च इंजन गूगल का डेटा एक अंतराल के साथ जारी किया गया है। नवीनतम 5 जनवरी तक के आंकड़े उपलब्ध हैं। यह लोगों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए विभिन्न श्रेणियों एवं स्थानों के डेटा का उपयोग करती है। रिटेल ऐंड रिक्रिएशन स्पॉट्स पर लोगों की आवाजाही 26.57 फीसदी कम रही। किराने एवं फार्मेसी पर लोगों की आवाजाही 9.71 फीसदी बढ़ी है। 2020 के अंत में गिरावट के बाद अब एक बार फिर कार्यस्थल पर लोगों की आवाजाही में तेजी देखने को मिली है। अब यह महामारी से पहले के स्तर के 84.71 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
