अर्थव्यवस्था

सरकारी कर्ज पर संसद समिति की चेतावनी, केंद्र और राज्यों को ऋण अनुपात घटाने की सलाह

सरकार का लक्ष्य 2031 तक ऋण-जीडीपी अनुपात 50% लाने का, फिलहाल 80% से ज्यादा पर कायम; राज्यों से भी वित्तीय अनुशासन की अपील

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- March 19, 2025 | 10:36 PM IST

संसद में बुधवार को पेश अपनी रिपोर्ट में वित्त पर बनी संसद की स्थायी समिति ने सरकार के कर्ज की निगरानी और प्रबंधन के लिए व्यापक और समन्वित दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया है। इसका मकसद केंद्र व राज्य सरकारों के विवेकपूर्ण राजकोषीय नीतियों का पालन सुनिश्चित करना है।

आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने समिति से कहा कि सरकार द्वारा 2031 तक ऋण जीडीपी अनुपात घटाकर 50 प्रतिशत करने की घोषणा की गई है, जो देश का कुल मिलाकर आम कर्ज नीचे लाने के लिए पर्याप्त नहीं है, राज्यों को भी अपना ऋण जीएसडीपी अनुपात घटाने की जरूरत है।

स्थायी समिति की रिपोर्ट में सेठ के हवाले से कहा गया है, ‘हमारा लक्ष्य 60 प्रतिशत (आम कर्ज और जीडीपी अनुपात) का है। लेकिन यह देखते हुए कि हम 80 प्रतिशत से ऊपर हैं, 60 प्रतिशत का लक्ष्य दूर है। सबसे पहले हमें इसे 75 प्रतिशत पर लाना है। राज्यों को भी अपना ऋण जीएसडीपी अनुपात घटाना होगा।

First Published : March 19, 2025 | 10:36 PM IST