भारत के अधिकारी अफ्रीका से लेकर लैटिन अमेरिका तक के कई देशों के साथ स्थानीय मुद्रा में द्विपक्षीय कारोबार (bilateral trade) करने को लेकर बात कर रहे हैं।
पिछले सप्ताह संयुक्त अरब अमीरात से स्थानीय मुद्रा में कारोबार के लिए समझौता हुआ है। सूत्रों का कहना है कि इंडोनेशिया, मिस्र और अर्जेंटीना उन देशों में हैं, जिनके साथ स्थानीय मुद्रा में कारोबार निपटाने के मसले पर चर्चा हुई है।
चर्चा से सीधे जुड़े सूत्रों का कहना है कि पहले केंद्रीय बैंक के स्तर पर यह समझने के लिए बात हुई कि किस तरह से सिस्टम काम करता है। उसके बाद इस मसले पर सरकारों के बीच भी बात हुई। एक सूत्र ने कहा, ‘भारत सरकार इसे लेकर बहुत सक्रिय है।’
उन्होंने कहा कि इसका मकसद डॉलर पर निर्भरता कम करना है। सूत्रों ने कहा कि मलेशिया के साथ रुपये और रिंगिट में द्विपक्षीय कारोबार करने के लिए बातचीत हुई है। सूत्रों ने कहा कि इंडोनेशियाई रुपैया और भारतीय रुपये में कारोबार निपटान को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। इंडोनेशिया, एशिया की बड़ी अर्थव्यवस्था है और आसियान क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भी है।
भारत से इंडोनेशिया भेजे जाने वाले प्रमुख सामान में खनिज ईंधन, खनिज तेल और उत्पाद, बिटुमिनस व अन्य शामिल हैं। लैटिन अमेरिकी देशों में इस तरह की चर्चा अर्जेंटीना के साथ हुई है। 2022 में भारत और अर्जेंटीना के बीच द्विपक्षीय कारोबार 6.4 अरब डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया और 2021 की तुलना में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इसमें 1.84 अरब डॉलर का भारत ने निर्यात किया है और अर्जेंटीना से 4.55 अरब डॉलर का आयात हुआ है। भारत ने पिछले वित्त वर्ष में मिस्र को 4.11 अरब डॉलर का निर्यात किया था, जबकि आय़ात 1.95 अरब डॉलर है।
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिस्र यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 5 साल में द्विपक्षीय कारोबार बढ़ाकरक 12 अरब डॉलर करने की योजना की घोषणा की थी।