आर्थिक सहयोग एवं विकास परिषद (OECD) ने सोमवार को जारी अपने ताजा अंतरिम आर्थिक परिदृश्य में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया है। इसके पहले OECD नवंबर के परिदृश्य में 6.1 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था।
परिदृश्य में कहा गया है, ‘तंग वित्तीय स्थिति के बावजूद उभरते बाजारों की अर्थव्यवस्थाएं सामान्यतया मजबूत वृद्धि जारी रखेंगी। भारत सहित तमाम देशों में व्यापक आर्थिक नीति के ढांचे में सुधार नजर आ रहा है और रोजगार सृजन हो रहा है।’
वित्त वर्ष 26 के लिए OECD ने भारत के लिए वृद्धि अनुमान 6.5 प्रतिशत बरकरार रखा है। इसमें कहा गया है कि प्रमुख गतिविधियों के संकेतकों से सामान्यतया हाल की वृद्धि जारी रहने के संकेत मिल रहे हैं। कारोबारी सर्वे में विनिर्माण क्षेत्र की तुलना में सेवा क्षेत्र में मजबूत गतिविधियों के संकेत मिल रहे हैं।
परिदृश्य में कहा गया है, ‘अगर सभी देशों की स्थिति देखें तो निकट अवधि के हिसाब से भारत में मजबूती के संकेत मिल रहे हैं। वहीं यूरोप में तुलनात्मक रूप से कमजोर स्थिति रहेगी और अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में निकट अवधि की वृद्धि थोड़ी सुस्त रहेगी।’
महंगाई दर को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते बाजार की अर्थव्यवस्थाओं में महंगाई दर विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सामान्यतया अधिक बनी रहोगी, जबकि 2024-25 में धीरे धीरे इसमें कमी आएगी। इन तमाम अर्थव्यवस्थाओं में सख्त मौद्रिक नीति और ऊर्जा व खाद्य कीमतें महंगाई दर की मुख्य चालक रहेंगी।