अर्थव्यवस्था

GST स्लैब में बदलाव की जरूरत नहीं, मंत्रिसमूह 4 स्लैब की मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखने के पक्ष में

वर्तमान में जीएसटी के तहत 5 कर स्लैब है – शून्य, 5, 12, 18 और 28 फीसदी। विलासिता एवं अहितकर वस्तुओं पर 28 फीसदी की अ​धिकतम दर के अलावा उपकर भी लगाया जाता है।

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श्रीमी चौधरी   
Last Updated- August 22, 2024 | 10:05 PM IST

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में बदलाव पर सुझाव देने के लिए गठित राज्यों के मंत्रियों के समूह की राय है कि जीएसटी कर के चार स्लैब बनाए रखे जाएं और फिलहाल इसमें किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं है। मंत्रिसमूह के संयोजक बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बैठक के बाद कहा, ‘समूह के कुछ सदस्यों की मांग है कि जीएसटी के तहत कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए।’ हालांकि उन्होंने कहा कि यह प्रारंभिक चर्चा थी और अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

जीएसटी के तहत दरों में बदलाव की प्रक्रिया में प्रगति और भविष्य की कार्रवाई पर विचार करने के लिए मंत्रियों के समूह की आज नई दिल्ली में बैठक हुई थी। समूह ने केंद्र और राज्यों के राजस्व अधिकारियों को खास तौर पर व्यापक स्तर पर उपभोग की वस्तुओं की दरों में बदलाव के प्रभाव का मूल्यांकन करने और 9 सितंबर को जीएसटी परिषद की बैठक में अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने का सुझाव दिया।

प​श्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, ‘मैंने कहा है कि जीएसटी कर के स्लैब में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए। इस बारे में परिषद के समक्ष प्रस्तुति दी जाएगी।’

कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने कहा, ‘जीएसटी प्रणाली व्यापक तौर पर स्थायित्व प्राप्त कर चुकी है। ऐसे में उसमें फेरबदल क्यों किया जाए, ऐसा करने से क्या हासिल होगा?’

वर्तमान में जीएसटी के तहत 5 कर स्लैब है – शून्य, 5, 12, 18 और 28 फीसदी। विलासिता एवं अहितकर वस्तुओं पर 28 फीसदी की अ​धिकतम दर के अलावा उपकर भी लगाया जाता है। मंत्रियों का समूह, राज्य और केंद्र के राजस्व अधिकारियों वाली फिटमेंट समिति से राय लेता है। समूह जीएसटी परिषद की आगामी बैठक में इस बारे में स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है।

ताजा घटनाक्रम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 23 जुलाई के बजट भाषण में कही गई बात के एक महीने बाद आया है। सीतारमण ने कहा था, ‘जीएसटी के लाभ को बढ़ाने के लिए हम कर ढांचे को और अधिक सरल तथा वाजिब बनाने का प्रयास करेंगे और इसे बाकी क्षेत्रों तक बढ़ाने का भी प्रयास करेंगे। मैं कारोबार को सुगम बनाने और विवादों को कम करने के लिए अगले 6 महीने में दर ढांचे की व्यापक समीक्षा का प्रस्ताव करती हूं।’

समझा जाता है कि फिटमेंट समिति ने मंत्रिसमूह को मौजूदा चार- स्लैब वाले कर ढांचे को बदलने के लिए तीन विकल्प सुझाए हैं। पहला, 8 फीसदी, 16 फीसदी और 24 फीसदी, दूसरा विकल्प 9 फीसदी, 18 फीसदी और 27 फीसदी तथा तीसरा विकल्प 7 फीसदी, 14 फीसदी और 21 फीसदी है।

इसके अलावा मंत्रिसमूह ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी के मुद्दे पर भी चर्चा की जिसे फिटमेंट समिति के पास भेजा गया था। स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर कराधान के मसले पर कर्नाटक के मंत्री ने कहा, ‘हमने समिति से और रिपोर्ट मांगी है। हमें पता नहीं है कि यह एजेंडे का हिस्सा है या नहीं।’

First Published : August 22, 2024 | 10:05 PM IST