अर्थव्यवस्था

राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन अगले महीने शुरू, 2047 तक $7.5 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य: B V R सुब्रमण्यम

सुब्रमण्यम ने नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक सम्मेलन में कहा, 'हमें ऐसी संस्था चाहिए, जिसके पास अधिकार हों और जो काम कर सके।'

Published by
ध्रुवाक्ष साहा   
Last Updated- May 30, 2025 | 11:01 PM IST

राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन अगले महीने तक शुरू कर दिया जाएगा। नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) बीवीआर सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को बताया कि केंद्र सरकार इसे अंतिम रूप दे रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2047 तक 7.5 लाख करोड़ डॉलर की विनिर्माण अर्थव्यवस्था तैयार करने के लक्ष्य के साथ बजट में इस मिशन की घोषणा की थी।

सुब्रमण्यम ने नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक सम्मेलन में कहा, ‘हमें ऐसी संस्था चाहिए, जिसके पास अधिकार हों और जो काम कर सके। इसलिए हम देख रहे हैं कि इसे कैसा रूप दिया जाए, कैसे अधिकार दिए जाएं, जिससे वह तमाम विभागों में काम निपटा सके।’ सुब्रमण्यम ने कहा कि राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन अंतिम चरण में है और अगले महीने उसे शुरू करने की योजना है।

Also Read: तेल एवं गैस खोज में विदेशी तकनीकी साझेदारों को मिलेगा अस्वीकार करने का पहला अधिकार, पुरी ने किया बड़ा ऐलान

वित्त मंत्री ने फरवरी में इस मिशन की घोषणा करते हुए कहा था कि इसके तहत पांच प्रमुख क्षेत्रों – कारोबारी सुगमता एवं कम लागत, मांग वाली नौकरियों के लिए भविष्य का कार्यबल तैयार करना, जीवंत एवं गतिशील एमएसएमई क्षेत्र, प्रौ‌द्योगिकी की उपलब्धता और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद – पर ध्यान दिया जाएगा। यह मिशन स्वच्छ विनिर्माण प्रौद्योगिकी में भी मदद करेगा। इसका उद्देश्य सोलर पीवी सेल, ईवी बैटरी, मोटर्स एवं कंट्रोलर, इलेक्ट्रोलाइजर, विंड टर्बाइन, काफी अधिक वोल्टेज वाले ट्रांसमिशन उपकरण और ग्रिड स्केल बैटरी के लिए देश में मूल्यवर्द्धन बढ़ाना तथा इसके लिए व्यवस्था तैयार करना है।

सुब्रमण्यम ने कहा, ‘इस महत्त्वपूर्ण संस्था के पास दिशानिर्देश देने, नियंत्रण रखने और काम सुनिश्चित करने के अधिकार होने चाहिए। विचार यह है कि इन क्षेत्रों को समझा जाए, राह दिखाई जाए और इन क्षेत्रों में ऐसे बदलाव सुनिश्चित किए जाएं कि अगले पांच से दस साल में मिशन के लक्ष्य हासिल हो सकें।’

सुब्रमण्यम ने पिछले दशक में बने चीन के मेक इन चाइना 2025 मिशन का उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार चीन इसकी मदद से वाहन क्षेत्र में सबसे बड़ा निर्यातक बन गया। उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने उसकी प्रगति और मिशन का गहन अध्ययन किया है। यह मिशन विनिर्माण में क्षेत्रीय असंतुलन पर भी गौर करेगा ताकि देश भर में इसका प्रभाव सुनिश्चित हो सके।

Also Read: पहली तिमाही में होटल इंडस्ट्री ने कमरों से कमाई में जबरदस्त उछाल दर्ज किया, बेंगलूरु में सबसे अधिक राजस्व वृद्धि

राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन का एक बड़ा हिस्सा केंद्र द्वारा शुरू की गई कौशल पहल होगी। नीति आयोग भारत के कौशल ढांचे में बुनियादी बदलने करने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा सरकार ‘स्किल पासपोर्ट’ जैसी नई पहल पर भी विचार कर रही है। इसके तहत पासपोर्ट किसी व्यक्ति के रोजगार योग्य कौशल का रिकॉर्ड होगा। उसमें व्यक्ति की रीस्किलिंग एवं अपस्किलिंग का अद्यतन रिकॉर्ड भी होगा। नीति आयोग के सीईओ ने यह भी कहा कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान वास्तव में उद्योग को सौंप दिए जाने चाहिए। सरकार इन संस्थानों को वित्तीय मदद तो दे सकती है मगर मौजूं कौशल की जानकारी उद्योग के पास ही होती है।

आयोग शून्य कार्बन उत्सर्जन मॉडलिंग फ्रेमवर्क पर भी काम कर रहा है। सुब्रमण्यम ने कहा, ‘हमारे पास 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के लिए कोई रास्ता नहीं है। हमने इसका मॉडल तौयार किया है और अगले महीने मार्ग की घोषणा करेंगे और मॉडल भी सार्वजनिक करेंगे।’

First Published : May 30, 2025 | 10:55 PM IST