मॉर्गन स्टैनली रिसर्च ने बुधवार को कहा कि वित्त वर्ष 2025 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने की संभावना है। इसके पहले मॉर्गन स्टैनली ने 6.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था।
वहीं इक्रा ने वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के 7.6 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में वृद्धि दर 6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जिसमें कृषि व उद्योग क्षेत्रों का अहम योगदान होगा।
इक्रा लिमिटेड में मुख्य अर्थशास्त्री, हेड- रिसर्च ऐंड आउटरीज अदिति नायर ने कहा, ‘औद्योगिक क्षेत्र में सुस्त वृद्धि, निवेश की गतिविधियों के कुछ संकेतकों की धीमी गति, सरकारी व्यय में सुस्ती और असमान मॉनसून के कारण जीडीपी की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के 7.6 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 6 प्रतिशत रहने की संभावना है।’
एमएस रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने मई 2024 में होने जा रहे आम चुनाव और वैश्विक वजहों से उत्पन्न जोखिमों का उल्लेख करते हुए भारत की अर्थव्यवस्था के लिए रचनात्मक दृष्टिकोण बरकरार रखा है।
इंडिया इकोनॉमिक्सः मैक्रो इंडिकेटर्स चार्टबुक : स्ट्रेंथ इन ग्रोथ, स्टेबिलिटी इन माइक्रो फंडामेंटल्स नाम की रिपोर्ट में मॉर्गन स्टैनली रिसर्च ने कहा है, ‘जनवरी में घरेलू मांग सुधरी है। वहीं वृहद आर्थिक स्थिरता आरामदेह स्थिति में बनी हुई है। इससे बुनियादी सिद्धांत की मजबूती का पता चलता है। हमने अर्थव्यवस्था को लेकर अपना रचनात्मक दृष्टिकोण बरकरार रखा है।’
जीडीपी वृद्धि दर मजबूत बने रहने की उम्मीद जताते हुए मॉर्गन स्टैनली रिसर्च ने अनुमान लगाया है कि दिसंबर 2023 में समाप्त वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी, हालांकि यह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के 7.7 प्रतिशत से सुस्त रहेगी।
निवेश बैंक की शोध इकाई ने यह भी कहा है कि सेवा निर्यात से समर्थन और खासकर तेल सहित जिंसों की वैश्विक कीमतों में कमी के कारण चालू खाते का घाटा कम रहेगा।
उधर इक्रा की रिपोर्ट में निवेश की गतिविधियों में सुस्ती का जिक्र करते हुए कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सरकार का कुल पूंजीगत व्यय पिछली तिमाही के 26.4 प्रतिशत से थोड़ा कम होकर 24.4 प्रतिशत रह जाएगा।
25 राज्य सरकरों की शुद्ध उधारी और पूंजी का आवंटन पिछले साल की तुलना में 3.9 प्रतिशत घट गया है, जबकि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 42.4 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।
इक्रा की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इस अवधि के दौरान सुस्ती दिखाने वाले अन्य संकेतकों में इंजीनियरिंग के सामान का आयात, इन्फ्रा/कंस्ट्रक्शन के सामान का उत्पादन और सीवी रजिस्ट्रेशंस रहे हैं।’