वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने के आंकड़े आने के एक दिन बाद आर्थिक अनुमान लगाने वाली कुछ एजेंसियों ने भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान बढ़ा दिया है, जिनमें मूडीज के अलावा मॉर्गन स्टैनली और नोमुरा शामिल हैं।
मॉर्गन स्टैनली ने अपनी शोध रिपोर्ट में कहा है कि जून में समाप्त तिमाही में जीडीपी वृद्धि उम्मीद से ज्यादा रही है। मॉर्गन स्टैनली ने कहा, ‘हमने वित्त वर्ष 24 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है। तेज घरेलू मांग को देखते हुए ऐसा किया गया है, जो वैश्विक वृद्धि कमजोर होने से प्रभावित नहीं हुई है।’
नोमुरा रिसर्च ने भी वित्त वर्ष 2024 के लिए वृद्धि अनुमान बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया, जबकि पहले 5.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था। बहरहाल इसने कहा है कि कमजोर मॉनसून, बढ़ी खाद्य महंगाई, सरकार का पूंजीगत व्यय घटने और वैश्विक वृद्धि सुस्त रहने के कारण घरेलू मांग में सुस्ती के संकेत मिल रहे हैं, जिससे 2023 की दूसरी छमाही में आर्थिक वृद्धि सुस्त होगी। नोमुरा ने वित्त वर्ष 25 के लिए जीडीपी की वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत से घटाकर 5.6 प्रतिशत कर दिया है।
हालांकि एमके ने वित्त वर्ष 24 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान यथावत 5.6 प्रतिशत रखा है। इसने कहा है कि हमें लगता है कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार अभी व्यापक नहीं है। बहरहाल सेवा गतिविधियों में सतत तेजी और वृद्धि को गति देने के लिए नीतिगत बदलाव से वृद्धि की संभावना बढ़ती है और इससे वृद्धि नीचे जाने के दबाव कम हो सकते हैं।
वित्त वर्ष 24 में जीडीपी वृद्धि छह प्रतिशत रहने का अनुमान लगाते हुए एसबीआई कैप्स ने कहा है कि पूंजीगत व्यय बढ़ाकर बुनियादी ढांचे पर जोर देने की सरकार की कवायद अर्थव्यवस्था को गति देने का काम कर रही है।