भारतीय रिजर्व बैंक की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत वित्त वर्ष 2023 में अप्रैल-जनवरी के दौरान विदेश जाने वाला धन पिछले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2022) के आंकड़े को पार कर अब तक के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है। अंतरराष्ट्रीय यात्राओं से इसे बल मिला है।
मार्च के मासिक बुलेटिन में भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक योजना के तहत विदेश जाने वाला धन अप्रैल-जनवरी के दौरान 22.08 अरब डॉलर रहा है। सिर्फ जनवरी 2023 में कुल 2.72 अरब डॉलर विदेश भेजा गया है। यह चालू वित्त वर्ष में एक माह के दौरान बाहर जाने वाला सबसे ज्यादा धन है।
वित्त वर्ष 22 में भारतीयों ने रिजर्व बैंक की LRS योजना के तहत 19.61 अरब डॉलर से कुछ अधिक धन भेजा था, जो सर्वोच्च स्तर था। रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष 2023 के पहले 10 महीने में पिछले साल की समान अवधि में बना रिकॉर्ड टूट गया। खासकर अंतरराष्ट्रीय यात्राओं की वजह से इसमें तेजी आई है।
वित्त वर्ष 21 में महामारी की वजह से विदेश जाने वाले धन में बहुत कमी आई थी, क्योंकि तमाम प्रतिबंध थे और अंतरराष्ट्रीय यात्राएं लंबे समय तक बंद थीं।
वित्त वर्ष 21 में योजना के तहत भारत का रेमिटेंस 12.68 अरब डॉलर था, जो वित्त वर्ष 20 की तुलना में 32.38 प्रतिशत कम था, जब LRS के तहत 18.76 अरब डॉलर भेजा गया था।