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बीईएमएल को बेचने पर बैठक आज!

Last Updated- December 12, 2022 | 10:22 AM IST

कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में बनी सचिवों के प्रमुख समूह की बैठक सोमवार को हो सकती है, जिसमें रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम बीईएमएल की रणनीतिक बिक्री को अंतिम रूप दिया जा सकता है। सरकार ने दिसंबर 2016 में अपनी कुल 54 प्रतिशत हिस्सेदारी में से 26 प्रतिशत बेचने की मंजूरी दी थी। इसके साथ ही इस सरकारी कंपनी के प्रबंधन पर नियंत्रण का अधिकार भी हस्तांतरित किया जाना है। एक सूत्र ने कहा कि सरकारी कंपनी में सरकार का हिस्सा बेचने के लिए प्राथमिक सूचना ज्ञापबन और रुचि पत्र को अंतिम रूप दिए जाने के लिए सचिवों की समिति की बैठक होगी। 
 
कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद सरकार सार्वजनिक उपक्रम की रणनीतिक  बिक्री के लिए आगे बढ़ रही है। इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि विनिवेश को अब काफी गति मिली है और जिन विनिवेश प्रस्तावों को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है उन पर तत्परता से काम किया जाएगा। कोविड-19 के संकट के बाद राजस्व की कमी से जूझ रही सरकार अब पूरी कवायद कर रही है कि रणनीतिक विनिवेश के तहत ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी बेची जा सके और वित्त वर्ष 2020-21 के 2.1 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य के करीब पहुंचा जा सके।
 
सरकार ने बीईएमएल की रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया के तहत अतिरिक्त जमीन और अन्य संपत्तियां भी बेचने का फैसला किया है। इस साल जनवरी में रक्षा, एयरोस्पेस, खनन और रेल क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी ने अपनी चिह्नित संपत्तियों को बेचने के लिए सीबीआरई साउथ एशिया और जेएलएल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स को सलाहकार फर्म नियुक्त किया था। सचिवों की समिति को इस मसले पर भी फैसला करना है कि कुछ गैर प्रमुख संपत्तियों को बेचना है, या उसे नए खरीदार को हस्तांतरित किया जाएगा। उसके बाद प्रस्ताव मंत्रियों की समित िको सौंपा जाएगा, जिसमें वित्त मंत्री, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री और संबंधित विभागों के मंत्री सदस्य के रूप में शामिल हैं। 
 
कंपनी ने बेची जा रही कंपनी माइनिंग ऐंड अलायड मशीनरी कॉर्पोरेशन (एमएएमसी) की संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए कोल इंडिया (सीआईएल) और दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) के साथ कंसोर्टियम भी बनाया है। बीईएमएल नई दिल्ली और नागपुर स्थित एमएएमसी की संपत्तियों को निपटाने वाली है। विनिवेश प्रक्रिया के पहले पह सीआईएल और डीवीसी के साथ बने कंसोर्टियम से भी बाहर निकलेगी। वह अपनी सहायक कंपनी विज्ञान इंडस्ट्रीज को बंद करने पर विचार कर रही है।

First Published - December 27, 2020 | 9:13 PM IST

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