उत्तराखंड के पौड़ी जिले के कोटद्वार में एक विकास केन्द्र की स्थापना की जा रही है।
इस विकास केन्द्र में करीब 35 उद्योगों को प्लाट का आवंटन किया गया है। अधिकारियों ने बताया है कि सिगड़ी विकास केन्द्र में अभी तक कुल 115.88 करोड़ रुपये का निवेश जुटाया जा चुका है। विकास केन्द्र की स्थापना के लिए सरकार ने किसानों से करीब 60 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है और करीब 30 एकड़ अपनी जमीन दी है।
परियोजना की कुल लागत 27 करोड़ रुपये है। सरकार इस क्षेत्र में बिजली, औषधि, टेक्सटाइल और कम्प्यूटर जैसे गैर-प्रदूषक उद्योगों की स्थापना पर खासतौर से ध्याद दे रही है। इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बीईएल यहां अपनी सहायक इकाई की स्थापना करने के लिए तैयार हो गई है।
यह विकास केन्द्र 90 एकड़ जमीन में फैला हुआ है और इसके दायरे में 4 गांव आते हैं। ये गांव किशनदेवपुर, जीदेवपुर, लोकमानीपुर और श्रीरामपुर हैं। इस केन्द्र के चालू होने पर यहां के करीब 150 परिवारों को प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर रोजगार मिल सकेगा। औद्योगिक क्षेत्र के एक अधिकारी ने बताया कि ‘यह पूरी तरह से पिछड़ा हुआ इलाका है और हमें उम्मीद है कि यहां विकास का रास्ता जल्द ही खुल सकेगा।’अधिकारी ने बताया कि यह इलाका बिजली की कमी, खस्ताहाल संपर्क और अन्य समस्याओं से जूझ रहा है, हालांकि सरकार अब यहां के विकास में तेजी लाने के लिए विशेष तौर से कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही 5.02 करोड़ रुपये की जमीन खरीद चुकी है। इसके अलावा कोटद्वार से सिगड़ी तक एक 40 फीट चौड़ी सड़क बनाने का प्रस्ताव भी है। इस सड़क को राज्य का लोक निर्माण विभाग तैयार करेगा। सड़का का काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है।?इस विकास केन्द्र में जिन उद्योगों को प्लाट का आवंटन किया गया है उनमें सनबीम रेमिडीज, सूर्या इंटरप्राईजेज, हिंदुस्तान हैंडीक्राफ्ट, कॉटन क्राफ्ट, नियोकॉनसेप्ट इंटरप्राईजेज, जेपी इंटरनेशनल, ग्लोबल फैशन, श्री बालाजी हर्बल प्रोडक्ट्स प्रा लि, मानसरोवर एपेरल्स, एबीएस इंटरप्राईजेज, पूजा इंटरप्राइजेज और अन्य कंपनियां शामिल हैं।