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‘बस एक कॉल दूर अमेरिका से समझौता’

Last Updated- December 15, 2022 | 4:31 AM IST

केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि भारत इस समय अमेरिका के साथ सीमित कारोबार समझौते से सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर है। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले कई साल से चल रहे द्विपक्षीय मसलों को हल किया जाएगा।
यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल की ओर से आयोजित इंडिया आइडिया समिट में बोलते हुए गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि पूर्ण मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत का इंतजार करने के बजाय भारत इस बात का इच्छुक है कि जल्द परिणाम देने वाला समझौता हो, जिसमें निर्यात की जाने वाली 50-100 वस्तु व सेवाएं शामिल हों।
‘अर्ली हार्वेस्ट’ या जल्द परिणाम देने वाली कारोबारी नीति से मतलब ऐसी नीति से होता है, जिनमें दोनों पक्ष सीमित काम करने के समझौते पर हस्ताक्षर करते हैं। लेकिन गोयल इस बात की भी उत्सुकता से कवायद कर रहे हैं कि जल्द से जल्द समग्र कारोबारी समझौता हो। उन्होंने कहा, ‘भारत और अमेरिका को वार्ता की मेज पर बैठने की जरूरत है। मुझे नहीं पता कि यह चुनाव के पहले किया जाएगा या बाद में किया जाएगा, लेकिन हमें और ज्यादा तेजी से इस दिशा में काम करने की जरूरत है, जिससे कि एफ टीए के रूप में साझेदारी निकलकर सामने आए। इस दिशा में भारत खुले मस्तिष्क से काम करने को इच्छुक है।’
अमेरिका में नवंबर महीने में राष्ट्रपति चुनाव होने को है।
गोयल ने कहा कि भारत अपना हृदय और बाजार खुले रखने को इच्छुक है, जिससे कि भारत के कारोबारियों को अमेरिका में अवसर मिल सके। मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत तकनीकी नवोन्मेष के लिए नया विनिर्माण केंद्र बनने जा रहा है, जिसमें अमे््िरकी कंपनियां आकर वैश्विक बाजार को सस्ते उत्पाद उपलब्ध करा सकती हैं।
अमेरिका के कारोबारियों को उन्होंने आश्वस्त किया कि कारोबार सुगमता अभी भी प्राथमिकता पर है और जीआईएस आधारित व्यवस्था लागू की जाएगी, जिसके लिए 6 राज्य कुछ हजार हेक्टेयर जमीन का चिह्नित कर भूमि बैंक बना रहे हैं। इसे प्रायोगिक आधार पर जल्द ही शुरू किया जाएगा। क्षमतावान निवेशकों के लिए खास जमीन पार्सल का गूगल अर्थ व्यू उपलब्ध कराया जाएगा।
अमेरिका के महंगे कृषि उत्पादों पर धीरे धीरे आयात शुल्क कम करने, मेडिकल उपकरणों के लिए कारोबारी मुनाफा नीति और अमेरिकी तकनीकी सामान पर कीमत संबंधी प्रतिबंध घटाना अमेरिका के साथ कारोबारी बातचीत में भारत का बुनियादी प्रस्ताव है। साथ ही यह भी शर्त है कि अमेरिका भारत की ओर से लगाए गए डिजिटल सर्विस टैक्स को समर्थन दे और अपने कड़े रुख से पीछे हटे।
सूत्रों ने कहा कि भारत ने बादाम, अखरोट, सेब और वाइन जैसे महंगे आयात पर शुल्क घटाने का प्रस्ताव किया है। सरकार ने इन 29 उत्पादों पर पिछले साल आयात शुल्क बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक कर दिया था।  अमेरिका चाहता है कि भारत कुछ सूचना और संचार तकनीक (आईसीटी) उत्पादों जैसे महंगे मोबाइल फोन, स्मार्ट घडिय़ाों पर आयात शुल्क कम करे, जिससे ऐपल आईफोन उत्पाद सस्ते हो सकते हैैं।
पिछले सप्ताह गोयल और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस के बीच हुई बातचीत में भारत ने लंबित यूएस-इंडिया सोशल सिक्योरिटी टोटलाइजेशन एग्रीमेंट का मसला उठाया था, जिससे एक दूसरे के देश में काम करने वाले कर्मचारियों को दोहरे कराधान से बचाया जा सके।

First Published - July 22, 2020 | 12:13 AM IST

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