facebookmetapixel
Year Ender: क्या 2026 में महंगाई की परिभाषा बदलेगी? नई CPI सीरीज, नए टारगेट व RBI की अगली रणनीतिGold–Silver Outlook 2026: सोना ₹1.60 लाख और चांदी ₹2.75 लाख तक जाएगीMotilal Oswal 2026 stock picks: नए साल में कमाई का मौका! मोतीलाल ओसवाल ने बताए 10 शेयर, 46% तक रिटर्न का मौकाYear Ender: 2025 में चुनौतियों के बीच चमका शेयर बाजार, निवेशकों की संपत्ति ₹30.20 लाख करोड़ बढ़ीYear Ender: 2025 में RBI ने अर्थव्यवस्था को दिया बूस्ट — चार बार रेट कट, बैंकों को राहत, ग्रोथ को सपोर्टPAN-Aadhaar लिंक करने की कल है आखिरी तारीख, चूकने पर भरना होगा जुर्माना2026 में मिड-सेगमेंट बनेगा हाउसिंग मार्केट की रीढ़, प्रीमियम सेगमेंट में स्थिरता के संकेतYear Ender 2025: IPO बाजार में सुपरहिट रहे ये 5 इश्यू, निवेशकों को मिला 75% तक लिस्टिंग गेनIDFC FIRST ने HNIs के लिए लॉन्च किया इनवाइट-ओनली प्रीमियम कार्ड ‘Gaj’; जानें क्या है खासियत90% प्रीमियम पर लिस्ट हुए इस SME IPO के शेयर, निवेशकों को नए साल से पहले मिला तगड़ा गिफ्ट

7 इकाइयों को ज्यादा खर्च करने के निर्देश

Last Updated- December 15, 2022 | 4:24 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 7 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (सीपीएसई) को अपने खर्च में तेजी लाने को कहा है। उन्हें चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 8,774.5 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए कहा गया है जो पहली तिमाही में खर्च किए गए 3,557 करोड़ रुपये की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। मंत्री ने यह कदम कोविड-19 के कारण प्रभावित आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए उठाया है।
सीतारमण ने ये बातें इस्पात, नागरिक उड्डयन और रेल मंत्रालय के तहत आने वाली इन सात उद्यमों के पूंजीगत व्यय की समीक्षा के दौरान कही। 
दरअसल वित्त मंत्री ने संबंधित सचिवों और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि ये उद्यम बजट में आवंटित परिव्यय का 50 फीसदी पहली छमाही में खर्च करें। इसके लिए इन उद्यमों को पहली छमाही में 12,331.5 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। इन उद्यमों की ओर से पूंजीगत व्यय पिछले साल की पहली तिमाही के मुकाबले धीमी रही है।
पिछले वर्ष की समान अवधि में इन इकाइयों ने 3,878 करोड़ रुपये खर्च किए थे। हालांकि बजट आवंटन के प्रतिशत के संदर्भ में खर्च चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 14 फीसदी के साथ पिछले साल के 13 फीसदी के मुकाबले अधिक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन सीपीएसई का पूंजीगत व्यय इस वर्ष 24,663 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 2020 में यह 30,420 करोड़ रुपये रहा था। हालांकि, 2019-20 में पूरे साल में 25,974 करोड़ रुपये खर्च हुआ था जो बजट आवंटन का 85 फीसदी है।
सीतारमण ने कहा कि सीपीएसई के बेहतर प्रदर्शन से अर्थव्यवस्था को  कोविड-19 के असर से उबरने में मदद मिल सकती है।

First Published - July 23, 2020 | 11:41 PM IST

संबंधित पोस्ट