वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के दौरान पिछले साल के मुकाबले निविदा और ऑर्डर में वृद्धि दर्ज की गई है। चुनाव से प्रभावित वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के दौरान कम आधार की वजह से ऐसा हुआ। इस साल मई 25 में निविदाएं पिछले साल की तुलना में 6.4 गुना बढ़कर 1.26 लाख करोड़ रुपये हो गईं। यह मासिक आधार पर 4 प्रतिशत की वृद्धि है। यह बढ़ोतरी अस्पताल, जल एवं निकासी और बिजली वितरण के बल पर हुई है। फिर भी यह वित्त वर्ष 25 के 1.32 लाख करोड़ रुपये के मासिक औसत से कम है।
राजमार्गों (32,500 करोड़ रुपये, पिछले साल की तुलना में 10.6 गुना वृद्धि), भवनों (19,800 करोड़ रुपये, पिछले साल की तुलना में 6.9 गुना वृद्धि), रेलवे (16,800 करोड़ रुपये, पिछले साल की तुलना में 2.5 गुना वृद्धि) जैसी प्रमुख श्रेणियों में सुधार हुआ। लेकिन दिए गए ऑर्डर, जो मई 25 में पिछले साल के मुकाबले 2.1 गुना बढ़कर 51,100 करोड़ रुपये (पिछले महीने के मुकाबले 16 प्रतिशत का इजाफा) हो गए, वे अब भी वित्त वर्ष 25 के 1.05 लाख करोड़ रुपये के मासिक औसत (वित्त वर्ष 24 का यह औसत 73,500 करोड़ रुपये था) से काफी कम हैं।
मई में अहम ऑर्डर हासिल करने वालों में डीआर अग्रवाल इन्फ्राकॉन (4,100 करोड़ रुपये), लार्सन ऐंड टुब्रो (3,800 करोड़ रुपये), एनसीसी (2,500 करोड़ रुपये) जैसी कंपनियां शामिल थीं। वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में ऑर्डर हासिल करने की संख्या में भी सुधार हुआ और 14 सबसे बड़ी सूचीबद्ध इन्फ्रा ठेकेदारों के मामले में ऑर्डर में सालाना आधार पर 105 प्रतिशत की वृद्धि हुई। नतीजतन बुक-टू-बिल वित्त वर्ष 24 के अंत के 2.2 गुना की तुलना में बढ़कर वित्त वर्ष 25 के अंत में 3 गुना हो गई। एनबीसीसी, एनसीसी और एफकॉन्स प्रमुख लाभ पाने वालों में शामिल थीं।
कुल मिलाकर शुद्ध ऋण नरम पड़ा, लेकिन कार्यशील पूंजी का दबाव पूरे क्षेत्र में दिखाई दे रहा था। वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में क्रियान्वयन कमजोर रहा। कम क्रियान्वयन और भुगतान संबंधी मसलों की वजह से बुनियादी ढांचा क्षेत्र की बड़ी सूचीबद्ध कंपनियों के मामले में वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के कुल राजस्व में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की गिरावट आई। औसत परिचालन लाभ मार्जिन पिछले साल के मुकाबले 80 आधार अंक और पिछले साल के मुकाबले 30 आधार अंक गिरकर 10.3 प्रतिशत रह गया।
सड़कों के ऑर्डर लगातार दूसरे वित्त वर्ष में नरम रहे। वित्त वर्ष 26 के बजट में सड़कों और रेलवे के लिए बजटीय परिव्यय में कोई वृद्धि नहीं हुई है। सड़क श्रेणी की इंजीनियरिंग खरीद और निर्माण या ईपीसी कंपनियों के कुल राजस्व में पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक तक की गिरावट देखी गई, लेकिन शहरी बुनियादी ढांचा श्रेणी की कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रहा।