facebookmetapixel
Bihar Elections 2025: हर 3 में 1 उम्मीदवार पर है आपराधिक मामला, जानें कितने हैं करोड़पति!₹70 तक का डिविडेंड पाने का आखिरी मौका! 11 नवंबर से 10 कंपनियों के शेयर होंगे एक्स-डिविडेंडGroww IPO Allotment Today: ग्रो आईपीओ अलॉटमेंट आज फाइनल, ऐसे चेक करें ऑनलाइन स्टेटस1 अक्टूबर से लागू Tata Motors डिमर्जर, जानिए कब मिलेंगे नए शेयर और कब शुरू होगी ट्रेडिंगStock Market Update: शेयर बाजार की पॉजिटिव शुरूआत, सेंसेक्स 200 से ज्यादा अंक चढ़ा; निफ्टी 25550 के करीबअगर अमेरिका ने Google-Meta बंद किए तो क्या होगा? Zoho के फाउंडर ने बताया भारत का ‘Plan B’Stocks To Watch Today: Swiggy, HAL, Patanjali Foods समेत इन 10 दिग्गज कंपनियों से तय होगा आज ट्रेडिंग का मूडजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारण

कमलनाथ की नई नीति को उद्योग जगत का समर्थन

Last Updated- December 05, 2022 | 9:24 PM IST

केंद्रीय उद्योग और वाणिज्य मंत्री कमलनाथ द्वारा 2008-09 के लिए पेश की गई वार्षिक पूरक विदेश व्यापार नीति (2004-09) का उद्योग जगत ने स्वागत किया है।


कांफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के एक ओपिनियन पोल के मुताबिक यह उद्योग जगत की आशाओं के अनुरूप है। पूरक विदेश व्यापार नीति 11 अप्रैल को जारी की गई थी।

सीआईआई के इस मतदान में 73 प्रतिशत लोगों ने इस नीति का स्वागत किया है और उसे आशा से अधिक संतोषजनक और दूर दृष्टि वाली नीति बताया है। मतदान से आए आंकड़ों के मुताबिक यह महत्वाकांक्षी है, और उद्योग जगत को उम्मीद है कि भारत, विश्व व्यापार में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी का लक्ष्य 2020 तक पा लेगा। सीआईआई-सीईओ के ओपिनियन पोल में भाग लेने वाले 92 प्रतिशत से अधिक लोगों का वार्षिक पूरक के बारे में कहना है कि यह विकास केंद्रित है।

सीआईआई के एक वक्तव्य में कहा गया है कि उद्योग जगत यह महसूस करते है कि इस पूरक से भारत के विकास दर को 8.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने में मदद मिलेगी।इसमें राय देने वाले 50 प्रतिशत लोगों का कहना है कि इस नीति से वैश्विक बाजार में कंपनियों के बीच प्रतियोगिता में मदद मिलेगी। इसका सीधा असर बुनियादी स्तर पर पड़ेगा। हालांकि महंगाई की मार ने निर्यात नीति पर असर डाला है और कुछ प्रतिबंध भी लगे हैं।

First Published - April 14, 2008 | 10:33 PM IST

संबंधित पोस्ट