भारत के अति धनाढ्यों (HNI) ने कैलेंडर वर्ष 2023 के अंत तक 130 अरब डॉलर की वित्तीय परिसंपत्तियां सिंगापुर के अपने फैमिली ऑफिसों में भेज दीं। इन धनकुबेरों की वजह से भारत, सिंगापुर में इस तरह की संपत्ति भेजने वाले देशों में तीसरे स्थान पर पहुंच गया। एशिया प्रशांत में केवल चीन (400 अरब डॉलर) और इंडोनेशिया (140 अरब डॉलर) उससे आगे रहे।
ये आंकड़े मैकिंजी ऐंड कंपनी के एक अध्ययन से सामने आए। पिछले महीने आई अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक हॉन्ग कॉन्ग इस मामले में चौथे स्थान पर है और उसने सिंगापुर में करीब 70 अरब डॉलर फैमिली ऑफिसों को भेजे। एशिया के बाकी देशों से सिंगापुर में कुल 370 अरब डॉलर से अधिक निवेश पहुंचा है।
फैमिली ऑफिस धनाढ्यों और उद्योगपतियों की निजी संपत्तियां संभालने वाली कंपनियां होती हैं। इन्हें उनकी निजी कंपनियां भी कहा जा सकता है, जिसमें आम शेयरधारकों की कोई हिस्सेदारी या दखल नहीं होता।
मैकिंजी के मुताबिक इस तरह का धन भेजने के लिए हॉन्ग कॉन्ग को भी पसंद किया जा रहा है, जहां भारतीयों ने 2023 तक अपने फैमिली ऑफिसों को 105 अरब डॉलर से अधिक भेजे। हॉन्ग कॉन्ग को इस तरह संपत्ति भेजने वालों में 70 अरब डॉलर के साथ इंडोनेशिया और 60 अरब डॉलर के साथ सिंगापुर नीचे थे। वहां भी चीनी निवेशक आगे थे, जिन्होंने 550 अरब डॉलर से अधिक की परिसंपत्तियां सिंगापुर में अपने फैमिली ऑफिसों को भेजीं।
इन दोनों देशों में विदेशी फैमिली ऑफिसों में जो कुल संपत्ति भेजी गई है, उसमें करीब 10 फीसदी हिस्सेदारी भारत के धनकुबेरों की भेजी संपत्ति की ही है। चीन 40 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है। सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग में कर की दर बहुत कम है, नियम-कायदे काफी स्पष्ट हैं, वित्तीय व्यवस्था भी परिपक्व है और पात्र निवेशकों को नागरिकता मिल जाती है। साथ ही वहां कुशल प्रतिभा की भी कमी नहीं है। इन कारणों से इन देशों में फैमिली ऑफिस बनाकर संपत्ति भेजने का चलन बहुत अधिक है।
मैकिंजी की रिपोर्ट एशिया प्रशांत क्षेत्र के फैमिली ऑफिस और यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका के फैमिली ऑफिस में अंतर भी बताती है। एशिया-प्रशांत के फैमिली ऑफिस कुछ अरसा पहले ही खुले हैं और इस क्षेत्र के केवल 5 फीसदी अति धनाढ्यों के सिंगल फैमिली ऑफिस हैं। यूरोप और उत्तर अमेरिका के 15 फीसदी धनाढ्यों के फैमिली ऑफिस वहां हैं।
दूसरा बड़ा अंतर पेशेवर रवैये और प्रशासन के स्तर का है, जो पश्चिम में ज्यादा ठोस है। एशिया-प्रशांत के फैमिली ऑफिस में अक्सर मुखिया का ज्यादा प्रभाव रहता है। एशिया प्रशांत क्षेत्र से परिसंपत्तियां भेजने वालों में धनाढ्यों की पहली या दूसरी पीढ़ी आगे हैं। यूरोप और उत्तरी अमेरिका में परिवार पीढ़ियों से धनाढ्य हैं।